पिथौरागढ़ (उत्तराखंड)। शुक्रवार को पिथौरागढ़ कलेक्ट्रेट में सरकार और अधिकारियों के नाकारपन का एक ऐसा अजब-गजब नजारा देखने को मिला, जिसे पढ़कर आपको प्रशानिक व्यवस्था से नफरत होने लगेगी। सरकार के नाकारापन से परेशान चीन सीमा से लगे इलाके का क्षेत्र पंचायत सदस्य साठ किलो वजन का प्रार्थना पत्र पीठ पर लादकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा। 72 वर्ष के मनोज कुमार नगन्याल नाम के इस व्यक्ति की यह हालत देखकर लोग हैरान रह गए। मनोज कुमार नगन्याल ने मीडिया को बताया कि उन्हें यह कदम क्षेत्र की समस्याओं का निदान न होने पर उठाना पड़ा। मनोज ने कहा कि वर्षों से समस्याओं से निजात दिलाने की गुहार लगाते-लगाते 60 किलो ज्ञापनों का पुलिंदा बन गया है, लेकिन क्षेत्र की समस्याएं जस की तस बनी हैं। किसी भी ज्ञापन पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं हुई।
पिथौरागढ़ जिले के दारमा क्षेत्र पंचायत के नागलिंग गांव के निवासी मनोज कुमार नगन्याल 2009 से लेकर 2014 तक ग्राम प्रधान रहे चुके हैं। अब वह 2014 से दारमा के क्षेत्र पंचायत सदस्य हैं। इस पंचायत क्षेत्र में सीपू, मार्छा, गो, तिदांग, विदांग, बालिंग, बौगलिंग, सौन, चल, नागलिंग, सेला, दर, दुग्तू, दांतू, ढाकर, दर गांव आते हैं। ये सभी गांव उच्च हिमालयी चीन सीमा से लगे हुए हैं। यह क्षेत्र आपदा से लेकर तमाम तरह की समस्याओं से जूझता रहता है। मनोज कुमार नगन्याल केंद्र, राज्य सरकारों के अलावा डीएम, एसडीएम को इस क्षेत्र की समस्याओं के निदान के लिए हमेशा पत्र भेजते रहे हैं। इन 9 वर्षों के बीच उन्होंने शासन, प्रशासन और सरकार को हजारों की संख्या में पत्र भेजे। इन पत्रों का वजन अब 60 किलो हो चुका है। लेकिन अभी तक भेजे गए पत्रों में से केवल 20 फीसदी समस्याओं का ही निदान हो सका है। मनोज ने बार-बार आवाज उठाने के बाद भी क्षेत्र की समस्याओं की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने समस्याओं का निदान न होने पर आंदोलन छेड़ने की चेतावनी भी दी है।
हालांकि बाद में जिलाधिकारी सी रविशंकर ने मनोज कुमार नगन्याल को बुलाकर उनसे बातचीत की और समस्याओं के निस्तारण का भरोसा दिलाया। इस दौरान नगन्याल ने प्रधानमंत्री का संबोधित 26 सूत्री मांगों का ज्ञापन डीएम को सौंपा। उन्होंने चेतावनी दी कि समस्याओं के निदान के लिए जल्द पहल नहीं हुई तो वह मुख्यालय में अनशन पर बैठेंगे।