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सपा नेता आजम खान के खिलाफ भ्रष्टाचार की एफआईआर दर्ज

सपा नेता आजम खान के खिलाफ भ्रष्टाचार की एफआईआर दर्ज

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। एसआईटी ने आजम खान के अलावा पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ इस मामले में केस दर्ज किया है। इसमें जल निगम के पूर्व एमडी पीके आसुदानी और जल निगम के तत्कालीन मुख्य अभियंता अनिल खरे को भी नामजद करते हुए परीक्षा कराने वाली संस्था ‘एपटेक’ के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। एसआईटी ने जालसाजी, धोखाधड़ी,  भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। आजम खान के खिलाफ आरोप है कि साल 2016-17 में जल निगम के भर्ती बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए उन्होंने जल निगम में बगैर अनुमति और रिक्तियों के सैकड़ों पदों पर भर्ती कर ली जिसमें भर्ती नियमों की अनदेखी की गई थी। 

आपको बता दें कि 2016 में जल निगम में इंजीनियर से लेकर क्लर्क तक के 1300 पदों पर भर्ती हुई थी। आज़म खान उस समय निगम के अध्यक्ष थे। भर्ती में गड़बड़ी को लेकर आजम खान पर भष्टाचार के आरोप हैं। योगी सरकार ने मामले की एसआईटी से जांच कराने के आदेश दिए थे। एसआइटी ने 29 मार्च को अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी थी, जिस पर राज्य सरकार ने एफआइआर दर्ज किए जाने की अनुमति दे दी। एसआइटी ने अपने जांच में पाया है कि जल निगम में भर्ती प्रक्रिया के दौरान नियमों की अनदेखी की गई थी। डीआइजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि पांच नामजद आरोपितों सहित अन्य के खिलाफ गबन, धोखाधड़ी, षड्यंत्र, साक्ष्य छिपाने व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।

गौरतलब है कि सैकड़ों अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता बरते जाने के साथ ही उनके जवाबों का गलत मूल्यांकन तथा उत्तर पुस्तिकाएं भर्ती प्रकिया पूरी होने के बाद दिखाए जाने के आरोप लगाए थे। जलनिगम में भर्ती 122 सहायक अभियंताओं की नियुक्तियां अगस्त 2017 में रद कर दी गई थीं। यह मामला अब कोर्ट में विचाराधीन है, जबकि 1178 पदों पर भर्ती अवर अभियंता व लिपिक वर्तमान में कार्यरत हैं और वेतन पा रहे हैं। एसआइटी ने बीती 17 जनवरी को पूर्व मंत्री आजम खां के बयान दर्ज किए थे। पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह व एमडी पीके आसूदानी सहित अन्य अधिकारियों के भी बयान दर्ज किए गए थे। आजम खां ने पत्रावलियों पर उन्हें धोखे में रखकर हस्ताक्षर कराए जाने की बात एसआइटी से कही थी। वहीं जांच के लिए एसआईटी को मिले शिकायती पत्रों में यह आरोप लगाया गया है कि उनके हस्तक्षेप और दबाव से भर्तियों में अनियमितता हुई। इसी आधार पर एसआईटी ने परीक्षा कराने वाली एजेंसी ‘अपटेक’ का भी बयान दर्ज किया। इसके अलावा जल निगम की ओर से बनाई गई परीक्षा आयोजन समिति के लोगों का भी बयान लिया गया। शासन से अनुमति मिलने के बाद एसआईटी आजम खान समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार