इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ सिंह के गृह जिले इलाहाबाद के स्वरूपरानी अस्पताल के डॉक्टर सरेआम दवाओं के जरिये कमिशनखोरी कर रहे हैं। यहां के डॉक्टर दूरदराज से आये मरीजो को देखने के बाद उन्हें अस्पताल की सभी मुफ्त दवाएं नहीं लिखते हैं। कमिशन खाने के चक्कर में डॉक्टर 30 फीसदी दवाएं अस्पताल की लिखते हैं जबकि 70 फीसदी दवाएं मेडिकल स्टोर की लिखते है। इन 70 फीसदी दवाओं पर मेडिकल स्टोर वाले डॉक्टर को 60 फीसदी कमिशन देते हैं।
इस अस्पताल में आने वाले मरीजों का कहना है कि वैसे तो सरकार विज्ञापन के जरिये प्रचार करती है कि सरकारी अस्पताल में सभी प्रकार की दवाएं मुफ्त हैं, लेकिन स्वरूपरानी अस्पताल में आकर पता चला की यहां डॉक्टर मरीजों को मुफ्त की दवाएं लिखने की बजाए सरेआम लूट रहे हैं। गरीब मरीज पैसे के अभाव में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
आपको जानकर यह हैरानी होगी कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, जिले के आयुक्त, जिलाधिकारी, स्वरूपरानी अस्पताल के प्रधानाचार्य इलाहाबाद के ही रहने वाले है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि इन सभी पदाधिकारियों के होते हुए गरीब मरीजों से ये खुली लूट क्यों हो रही है। क्या इन्होंने इस लूट की तरफ से अपनी आंखें बंद की हुई हैं या फिर इनकी शह पर लूट हो रही है!