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1 जुलाई से आधार में चेहरे की पहचान भी होगी शामिल

1 जुलाई से आधार में चेहरे की पहचान भी होगी शामिल

नई दिल्ली । सर्वोच्च न्यायालय आधार की कानूनी वैधता को लेकर दायर याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है, वहीं भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने एलान किया है कि वह अंगुलियों के निशान और आंखों की पुतलियों के अलावा अब चेहरे की पहचान को भी एक जुलाई से शामिल करने को तैयार है।

आपको बता दें कि यूआईडीएआई ने जनवरी में ही एलान किया था कि वह चेहरे के पहचान के फीचर को भी शामिल करेगा। इस फीचर से खासतौर पर उन लोगों को फायदा होगा, जिनके अंगुलियों के निशान या आंख को स्कैन करने में दिक्कतें आ रही हैं। यूआइडीएआइ का कहना है कि चेहरे की पहचान वाला फीचर फिंगरप्रिंट, आइरिश या ओटीपी में से किसी एक के साथ होगा। यूआइडीएआइ के सीईओ अजय भूषण पांडे ने पिछले हफ्ते सर्वोच्च न्यायालय को बताया था कि चेहरे की पहचान के फीचर को एक जुलाई से शुरू कर देगा। उनका कहना था कि अब तक 1,696.38 करोड़ आधार ऑथेंटिकेशन और 464.85 करोड़ ई-केवाइसी ट्रांजेक्शन हो चुके हैं। हालांकि उन्होंने यह बात सुरक्षा संबंधी जानकारी देते हुए सर्वोच्च न्यायालय से कही थी।

गौरतलब है कि यूआईडीएआई ने एक सप्ताह पहले ही एलान किया था कि रिजनल सेंटर के अलावा आप डाकघर से भी आधार का रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। देशभर के 6500 से ज्यादा डाकघर में आधार के रजिस्ट्रेशन के साथ ही इसे अपडेट भी किया जाएगा। यूआईडीएआई जल्दी ही 13 हजार पोस्ट ऑफिस तक यह सुविधा पहुंचाएगी। आप चाहें तो अपडेट सेंटर्स की लिस्ट यूआईडीएआई की वेबसाइट uidai.gov.in पर जाकर देख सकते हैं। साथ ही टोल फ्री नंबर 1947 पर कॉल करके भी इस बारे में जानकारी ले सकते हैं।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार