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50 लाख के बीमा के लिए स्वयं की हत्या करवायी !

50 लाख के बीमा के लिए स्वयं की हत्या करवायी !

भीलवाड़ा (राजस्थान)। धन की लालच में किसी व्यक्ति की जान ले लेने की हद तक जाने वाले लोगों के बारे में आपने सुना और पढ़ा भी होगा। लेकिन भीलवाड़ा में एक फायनेंसर ने धन प्राप्त करने के लिए ऐसा कदम उठा लिया, जिसे पढ़कर आप भी हैरान और परेशान हो जाएंगे। आर्थिक तंगी से परेशान फाइनेंसर ने पचास लाख की बीमा राशि प्राप्त करने के लिए स्वयं की हत्या की सुपारी देकर हत्या करवा ली। पुलिस ने दोनों हत्या आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

फायनेंसर बलबीर खारोल राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के मंगरोप थाना क्षेत्र का रहने वाला था। भीलवाड़ा एसपी हरेंद्र महावर ने बताया कि 3 सिंतबर को फाइनेंसर बलबीर खारोल नाम के व्यक्ति की लाश गुवारड़ी नाले में मिली थी। उसके हाथ-पैर बंधे थे। मुंह पर पॉलीथीन बंधी थी। मृतक के भाई की तहरीर पर मांगरोल थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस ने दो आरोपियों राजवीर और सुनील यादव को गिरफ्तार किया गया। राजवीर फाइनेंसर के साथ साझेदारी में में ढाबा भी चलाता था। आरोपियों ने पूछताछ के दौरान सुपारी लेकर हत्या की बात कबूल कर ली है। इस बात का खुलासा हुआ है कि ‘38 वर्षीय बलबीर खारोल ने कई लोगों को कुल 20 लाख रुपये उधार दिए थे। लेकिन वह उधार दी गई रकम वह वसूल नहीं कर पा रहा था और पिछले छह महीनों से ब्याज और मूल रकम नहीं मिलने से वह परेशान था। बलबीर ने 3 अगस्त को एक निजी बैंक से स्वयं का 50 लाख रुपये का बीमा करवाया था, जिसका दावा 28 अगस्त से शुरू हो रहा था। उसने पहली किस्त भी चुका दी थी। उन्होंने बताया कि मृतक बलबीर खारोल ने 80 हजार रुपए में अपनी हत्या करवाने की साजिश रची थी ताकि उसकी पत्नी और बेटे को बीमा की 50 लाख रुपए की राशि मिल जाए। उसने स्वयं की हत्या के लिए राजवीर सिंह और सुनील यादव को 80 हजार रुपये में अपनी हत्या की सुपारी दी थी। बलबीर ने योजना के अनुसार स्वयं की हत्या के लिये 2 सितम्बर को राजवीर सिंह और सुनील यादव को 10 हजार रुपये दिए और बाकी रकम हत्या वाले दिन अपनी जेब में रख ली। बलबीर दोनों आरोपियों के साथ एक सुनसान इलाके में गुवारड़ी नाले के पास गया और अपने हाथ और पैर एक रस्सी से बांध लिया। जिसके बाद राजवीर ने उसका गला घोट दिया। और हत्या के बाद दोनों बलबीर का शव वहीं फेंककर चले आए थे।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार