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पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक छुट्टी की सौगात

पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक छुट्टी की सौगात

मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक छुट्टी की सौगात दी है. इस साप्ताहिक छुट्टी की शुरुआत गुरुवार से हुई. इसके तहत भोपाल के करीब 351 पुलिसकर्मियों को पहली बार साप्ताहिक छुट्टी मिली. पुलिस मुख्यालय के आदेश के मुताबिक , गुरुवार को जिला पुलिस भोपाल के इंस्पेक्टर,सब इंस्पेक्टर, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, हेड कॉन्स्टेबल, कॉन्स्टेबल समेत कुल 351 अधिकारी/कर्मचारी ने साप्ताहिक छुट्टी पर थे. पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों ने मुख्यमंत्री के इस कदम पर बहुत खुशी जतायी है. उनका कहना है कि  उनका बाहर घूमना या  रिश्तेदारी में जाना लगभग बन्द हो गया था, लेकिन साप्तहिक छुट्टी मिलना शुरू हुआ है तो अब वो अपने रिश्तेदारों के यहां उन्हें वक़्त मिलने पर ले जा सकते हैं.

आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अपने वचनपत्र में प्रदेश के पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक छुट्टी देने का वादा किया था.  मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार 19 दिसंबर को पुलिस मुख्यालय पहुंचे कमलनाथ ने साप्ताहिक अवकाश देने की तैयारी करने के निर्देश दिए थे। वहीं पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए थे कि एक जनवरी से पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाए। प्रदेश में 56 हजार पुलिसकर्मी हैं। 8 हजार पुलिस कर्मी रोजाना अवकाश पर रहेंगे। अवकाश पर रहने के दौरान 08 हजार पुलिसकर्मियों के स्थान पर दूसरी यूनिट से पुलिस कर्मियों की ड्यूटी पर लगाया जाएगा। यदि किन्हीं कारणों से पुलिस का जवान निर्धारित दिन में साप्ताहिक छुट्टी नहीं ले पाता है , तो ऐसी स्थिति में पुलिस कर्मी को उसी महीने में साप्ताहिक अवकाश लेना होगा। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 1 लाख 25 हजार 585 पुलिस कर्मी हैं।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार