नई दिल्ली। केंद्र सरकार बैंक खातों को आधार से लिंक करने के बाद अब ड्राइविंग लाइसेंस को भी आधार से लिंक करने जा रही है। सरकार का मत है कि ऐसा करने से सड़क हादसों के बाद फरार हो जाने वाले अपराधियों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। हालांकि सरकार ने अभी ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से लिंक करने की कोई समय सीमा नहीं तय की है।
मंगलवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि 'ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से लिंक करवाया जा रहा है, ताकि नशे में वाहन में चलाने वाला व्यक्ति यदि एक राज्य से दूसरे राज्य में लोगों को मारकर भाग जाए, तो उसे आसानी से पकड़ा जा सके। एक व्यक्ति अपना नाम तो बदल सकता है, लेकिन वह अंगुलियों के प्रिंट नहीं बदल सकता है।' प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम का मकसद फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने पर रोक लगाना है। आधार से जुड़े होने से आपके सारे बायोमीट्रिक डिटेल्स सरकारी एजेंसियां ड्राइविंग लाइसेंस से पता कर सकेंगी। ऐसे में अगर कोई शख्स दो ड्राइविंग लाइसेंस बनाना चाहता है तो उसकी चोरी पकड़ी जाएगी। उन्होंने बताया कि 'मैं ड्राइविंग लाइसेंस को आधार कार्ड को जोड़ने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ बातचीत कर रहा हूं। उम्मीद है कि ऐसा करने के बाद सड़क पर एक्सिडेंट करके भाग जाने के वाले अपराधियों को पकड़ना आसान होगा।'
आपको बता दें कि, 2017 से ही ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से लिंक करने की बात चल रही है। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से लिंक करने के पक्षधर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने आधार के साथ ड्राइविंग लाइसेंस को लिंक करने की कोई समय नहीं बतायी है।