आमतौर पर हर स्कूल में नए सत्र की शुरुआत होने के साथ नए छात्रों का एडमिशन होता है, जबकि कुछ छात्र स्कूल छोड़ देते हैं। स्कूल छोड़ने के बाद छात्रों को टीसी और कॉशन मनी स्कूल प्रशासन की ओर से वापस की जाती है। लेकिन स्कूल प्रबंधन टीसी तो वापस कर देते हैं, पर कॉशन मनी वापस करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं। स्कूल प्रबंधन ज्यादातर अभिभावकों पर कॉशन मनी वापस न लेने का दबाव बनाते हैं, जो पूरी तरह गलत है।
कॉशन मनी पर स्कूल की मनमानी
- कॉशन मनी के तौर पर स्कूल अपने हिसाब से हर बच्चे से कुछ पैसा जमा कराता है। यह पैसा दो हजार से पांच हजार तक होता है।
- यह पैसा स्कूल एक बार छात्रों से एडमिशन के समय लेता है, जिसे छात्रों की पढ़ाई पूरी करने या स्कूल छोड़कर जाने की स्थिति में उसे वापस करना होता है।
- लेकिन ज्यादातर स्कूल इस मनी को वापस न करने का दबाव अभिभावकों पर बनाते हैं। और वह अभिभावकों को कॉशन मनी स्कूल के विकास के लिए देने को कहते हैं।
- यदि अभिभावक इसका विरोध करते हैं, तो स्कूल प्रबंधन छात्रों पर कुछ न कुछ आउट स्टैडिंग बताकर उस पर कुछ पैनाल्टी लगा देते हैं। इस पैनाल्टी को कॉशन मनी से वसूल करते हैं।
- वहीं जब अभिभावक ज्यादा दबाव बनाते हैं तो स्कूल प्रबंधन उसे केवल आधा पैसा ही वापस करते हैं।
कॉशन मनी वापस लेने के नियम
- कॉशन और सिक्योरिटी मनी के लिए हर स्कूल में अलग-अलग नियम हैं।
- कुछ स्कूलों में कॉशन मनी की रसीद और टीसी के साथ एप्लीकेशन देने पर काशन मनी मिलती है।
- कुछ स्कूलों में केवल नाम और साल बताने के बाद स्कूल में मौजूद डाटा से मिलान करके काशन मनी को वापस कर दिया जाता है।
- हालांकि स्कूल छोड़ते समय काशन मनी को वापस करने की जिम्मेदारी स्कूल की है, यदि कोई अभिभावक इसे नहीं लेता है या स्वेच्छा से स्कूल फंड में दान करता है तो उसका भी विवरण स्कूल प्रबंधन को रखना होता है।
- एडमिशन लेते समय ही सभी को कॉशन मनी की वापसी के बारे में बता दिया जाता है जो एप्लीकेशन देता है उसे वापस कर दी जाती है जो नहीं देता वह कालेज के खाते में जमा रहती है।
कॉशन मनी प्राप्त करने के लिए शिकायत
- यदि स्कूल प्रशासन कॉशन और सिक्योरिटी को मनी देने मना करता है तो उसकी शिकायत जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में की जा सकती है।