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वाहन के कागजी दस्तावेज से आजादी

वाहन के कागजी दस्तावेज से आजादी

वाहन के कागजी दस्तावेज से आजादी 

  • कोई भी नागरिक किसी भी वर्दीधारी पुलिस अधिकारी अथवा राज्य सरकार द्वारा अधिकृत किसी भी अन्य अधिकारी के मांगने पर उसे रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस, फिटनेस व परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस, पीयूसी अथवा किसी भी अन्य सर्टिफिकेट को कागजी अथवा इलेक्ट्रानिक किसी भी रूप में दिखा सकता है।
  • किसी को भी वाहन के ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी), इंश्योरेंस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट फिटनेस व परमिट जैसे कागजों की ओरिजिनल कॉपी रखने की आवश्यता नहीं है। वाहन और सारथी पोर्टल से प्राप्त डिजिटल सर्टिफिकेट अथवा एसएमएस पर प्राप्त दस्तावेज है।
  • सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 139 में संशोधन कर दिया है। संशोधित सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2008 के अनुसार इलेक्ट्रानिक दस्तावेज कागजी दस्तावेजों की तरह ही वैध और मान्य हैं।
  • ट्रैफिक पुलिस अथवा आरटीओ कागजी दस्तावेजों के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं।
  • वाहनों के दस्तावेजों का डिजिटलीकरण हो जाने के बाद आप अपने वाहन के दस्तावेजों को अपने घर पर सुरक्षित रख सकते हैं।
  • यदि आपकी छोटी सी लापरवाही के चलते आपका वाहन चोरी हो जाए या कोई अन्य दुर्घटना हो जाए तो आपके दस्तावेज आपके घर पर सुरक्षित रहेंगे, जिससे आप आगे की कार्रवाई आसानी से कर सकते हैं।
  • वाहन दस्तावेजों के डिजिटल होने के चलते ट्रैफिक पुलिस को भी कार्रवाई में आसानी होगी। जिससे वो आपके वाहन की फोटो लेकर आसानी से चालान भेज सकते हैं। 

दस्तावेज की डिजिटल कॉपी कैसे बनाएं: 

  1. सरकार ने वाहन के दास्तवेजों की डिजिटल कॉपी के लिए एक वेबसाइट digilocker.gov.in बनाई है।
  2. digilocker.gov.in से आप डिजिलॉकर एप को डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद आप अपना डिजिलॉकर अकाउंट खोल सकते हैं।
  3. इसके लिए आपको मोबाइल नंबर डालना पड़ता है।
  4. फिर वन टाइम पासवर्ड (OTP) आपके मोबाइल नंबर पर आएगा जिसे इस्तेमाल कर मोबाइल नंबर को ऑथेंटिकेट कर सकते हैं।
  5. फिर यूजरनेम और पासवर्ड सेलेक्ट करना होगा।
  6. डिजिलॉकर अकाउंट बनने के बाद आप अपने दास्तावेजों को अपलोड कर सकते हैं।
  7. डिजिलॉकर की अन्य सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आप अपना आधार नंबर भी दे सकते हैं।

आप अपने दस्तावेजों को इस एप के जरिए आसानी से अपने स्मार्टफोन या अन्य डिजिटल उपकरण पर दिखा सकते हैं।

इन डिजिटल दस्तावेजों को पहचान या पते के प्रमाण के तौर पर अन्य विभागों के साथ भी साझा किया जा सकता है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार