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झारखंड में ऑनलाइन खातियान प्राप्त करें

झारखंड में ऑनलाइन खातियान प्राप्त करें

झारखंड में खातियान या जमीन की नकल प्राप्त करने के लिए आपको तहसील के चक्कर लगाने की जरुरत नहीं है । आप घर बैठे ही ऑनलाइन खातियान या जमीन की नकल प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको इंटरनेट से कनेक्ट कंप्यूटर पर कुछ प्रक्रिया का पालन करना होगा ।

सबसे पहले आप अपने कंप्यूटर में गूगल सर्च इंजन में जाकर jharbhumi.nic.in यूआरएल टाइप करें और फिर इंटर की प्रेस कर दें। ऐसा करते ही आपके सामने राजस्व विभाग की आधिकारिक वेबसाइट का होम पेज आपके सामने खुल जाएगा ।

अब आप वेबसाइट की दाहिनी ओर दिए गए मीनू में से खाता एवं रजिस्टर-II पर क्लिक करना होगा।

खाता एवं रजिस्टर-II पर क्लिक करते ही आपके सामने एक नया पेज खुला जाएगा । यहां पर मौजूद कुछ सूचनाएं भरनी होंगी । यहां पर सबसे पहले पहले खतियान या रजिस्टर 2 में से खतियान को चुनें। इसके बाद जिला, अंचल नाम, हल्का नाम, मौजा नाम (गांव), खाता नंबर (जमाबंदी) और किस्म जमीन को सेलेक्ट करें। अब अंतिम में आप खतियान बटन पर क्लिक कर दें।

खतियान बटन पर क्लिक करते ही आपके सामने खतियान खुलकर सामने आ जाएगा। इस खातियान में खाता नंबर, खेसरा नंबर, चौहद्दी, जमीन की किस्म, कैफियत, लगान या सेस, आदि जनकारियां दर्ज मिलेंगी।

आप चाहें तो इस खातियान का प्रिंट भी ले सकते हैं। इसके लिए आपको पेज के ऊपर दाहिनी ओर प्रिंट के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। जैसे ही आप प्रिंट ऑप्शन पर क्लिक करेंगे वैसे ही खातियान की कॉपी का प्रिंट आपके सामने आ जाएगा।

नोट- आपको बता दें कि यह कंप्यूटर द्वारा प्राप्त प्रति है, और यह प्रपत्र केवल प्रार्थी की जानकारी के लिए है। इसलिए इसका उपयोग किसी भी न्यायालय में साक्ष्य के रुप में नहीं किया जा सकता है। यदि खातियान की प्रमाणिक कॉपी चाहिए तो इसके लिए आपको तहसील में लेखपाल या तहसीलदार से संपर्क करना होगा।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार