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#mukhyanagarpalikaadhikari मुख्य नगर पालिका अधिकारी कौन होता है? अधिकार एवं कर्तव्य क्या होते हैं?

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#mukhyanagarpalikaadhikari मुख्य नगर पालिका अधिकारी कौन होता है? अधिकार एवं कर्तव्य क्या होते हैं?

हमारे देश में स्थानीय स्वशासन की संकल्पना को साकार करने के लिये बड़े नगरों में नगर निगम, जबकि छोटे नगरों में नगर पालिका परिषद की स्थापना की गयी है। जिससे इन नगरीय स्वशासन की इकाइयों के माध्यम से न केवल स्थानीय स्तर पर लोकतंत्र का प्रसार हो सके, बल्कि नगर के लोगों का संपूर्ण विकास भी हो सके। इसके लिये राज्य सरकारों ने नगरीय निकायों के प्रमुख के रुप में मुख्य नगर पालिका अधिकारी की नियुक्ति की है जो निकाय के वित्तीय एवं कार्यकारी प्रशासन समेत सभी कर्तव्यों का पालन करते हैं। चलिये आज हम आपको इसी अधिकारी के विषय में विस्तार से बताते हैं यह कौन होता है? इसके अधिकार एवं कर्तव्य क्या होते हैं? और इसकी योग्यता क्या होती है? Follow us- Website- https://adhikarexpress.com/ or adhikarexpress.in/ Facebook- https://www.facebook.com/adhikarexpress1 Twitter- https://twitter.com/adhikarexpress1 Koo- https://www.kooapp.com/feed/adhikarexpress For any complaint or suggestion mail to This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it.. उपयोग की शर्तें (Disclaimer) मित्रों, अधिकार एक्सप्रेस एक स्टार्ट-अप ऑनलाइन सूचना/समाचार चैनल है। इसका संचालन अधिकार एक्सप्रेस फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है। अधिकार एक्सप्रेस का उद्देश्य आप लोगों को लोक सेवा अधिकारों के प्रति जागरुक करना तथा विशुद्ध समाचार पहुंचाना है। इसके साथ ही अधिकार एक्सप्रेस पर लोकसेवा अधिकारों से संबंधित जानकारियां भी उपलब्ध करायी जा रही हैं। जिन्हें कानून की पुस्तकों, सरकारी विभाग की वेबसाइट, समाचार की वेबसाइट और समाचार पत्रों से लिया गया है। हालांकि इस सामग्री की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए हमने सभी प्रयास किए हैं, फिर भी इसे कानून के एक साक्ष्य के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए या किसी कानूनी उद्देश्यों के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इसके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उपयोग से उत्पन्न होने वाले या डेटा के उपयोग से उत्पन्न होने वाली किसी भी घटना के तहत अधिकार एक्सप्रेस, बिना किसी सीमा के हानि या नुकसान के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार