Main Menu

#anm_nursing एएनएम कौन होती हैं? कर्तव्य क्या होते हैं?

Watch the video

#anm_nursing एएनएम कौन होती हैं? कर्तव्य क्या होते हैं?

आपने अक्सर देखा होगा कि अस्पतालों में प्रमुख चिकित्सकों के अलावा कई अन्य कई सहकर्मी होते हैं। जिनमें नर्सेस यानी एएनएम भी शामिल होती हैं। जब अस्पताल में प्रमुख चिकित्सक नहीं होते हैं तो ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संबंधी जिम्मेदारियों का निर्वाह नर्सेस और जूनियर स्तर के चिकित्सक ही करते हैं। आम भाषा में इन सहर्मियों को ‘दाई’ कहा जाता है, जिसे मेडिकल के शब्दों में ‘एएनएम’ के नाम से संबोधित किया जाता है। ये सभी सहकर्मी प्रसूति केंद्र या अस्पताल में मौजूद होते हैं, जो कि इन सभी चीजों को संभालने के लिये प्रशिक्षित हुये रहते हैं। जिससे आप लोगों को सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का पूरा लाभ मिल सके। हालांकि यदि इनके विषय में आप नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं है चलिये आपको बताते हैं। हमारी वेबसाइट है: http://adhikarexpress.com/

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार