हमारे देश में चुनाव से पहले चुनाव के टिकट के लिए दल-बदल का खेल तो आम बात हो चुकी है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद विधायक या सांसद भी अपना दल छोड़ने में जरा भी पीछे नहीं रहते हैं। हाल ही में राजस्थान में सत्ता के संघर्ष में कांग्रेसी विधायक दो फाड़ हो गए। सत्ता प्राप्त करने की इस लड़ाई में सचिन पायलट के गुट ने दल-बदल करने की स्थिति पैदा कर दी। हालांकि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के प्रयास से राजस्थान सरकार तो गिरने तो बच गयी, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर दल बदल विरोधी कानून की प्रासंगिकता को लेकर प्रश्न खड़ा कर दिया । ,,,, चलिए हम आपको विस्तार से बताते हैं,,,,