नोएडा (उत्तर प्रदेश)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन से लेकर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन फिर भी पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा ही एक मामला नोयडा के एसएसपी कार्यालय परिसर में सामने आया है, जहां सरेआम दलालों का गिरोह लंबे समय से सत्यापन के लिए तीन गुना फीस लेकर लोगों को चूना लगा रहा है। और वहीं पुलिसकर्मी इन दलालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय सहयोगी बने हुए हैं।
आपको बता दें कि नोयडा का एसएसपी कार्यालय परिसर सूरजपुर में स्थित है। जहां पर नोयडा में नौकरी करने वाले व सेक्टर, सोसायटी में रहने वाले किराएदार पुलिस सत्यापन के लिए आते हैं। उन्हें कार्यालय परिसर के सेकेंड फ्लोर पर बने सत्यापन सेल से एक फार्म दिया जाता है। जिसमें उन्हें नाम, पता, उम्र, संस्थान आदि सहित कई अन्य जानकारी देनी होती है। सत्यापन के लिए बैंक या फिर जन सुविधा केंद्र पर 50 रुपये की चालान फीस जमा करनी होती है। लेकिन यहां पर आवेदनकर्ता से 50 रुपये के बजाए 150 रुपये चालान फीस ली जा रही है। हैरानी की बात यह है कि ऑनलाइन जमा होने वाली फीस की 50 रुपये की पर्ची भी आवेदनकर्ता को दी जाती है, जबकि उससे फीस तीन गुना यानी 150 रुपये ली जाती है। और फिर बैंक में जमा की जाने वाली 50 रुपये की सत्यापन चालान फीस को एसएसपी कार्यालय परिसर में बनी कैंटीन में फोटोकॉपी वाला जमा करता है। सूत्रों का कहना है कि फोटोकॉपी करने वाला युवक पूरे दिन का हिसाब भी पुलिसकर्मियों को देता है। और फिर वे लोग काली कमाई का हिस्सा आपस में बराबर बांट लेते हैं। सूत्रों ने दावा किया है कि कार्यालय परिसर में सक्रिय दलालों का संपर्क जनसुविधा केंद्र के कर्मचारियों से भी है। खास बात यह है कि पुलिस की नाक के नीचे एसएसपी कार्यालय परिसर में लंबे समय से यह गिरोह संचालित हो रहा है। और पुलिस अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं।