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छत्तीसगढ़ सरकार के अभिलेख से गरीब गायब !

छत्तीसगढ़ सरकार के अभिलेख से गरीब गायब !

बिलासपुर (छत्तीसगढ़) । प्रशासन की कारगुजारियां अक्सर आप पढ़ते ही रहते हैं, लेकिन बिलासपुर जिला प्रशासन का एक हैरान कर देने वाला कारनामा सामने आया है। जिला प्रशासन के कर्माचारियों ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की विधानसभा क्षेत्र के तिरैया गांव के गरीबों का नाम ही गायब कर दिया। जिसके चलते यहां के गरीब केंद्र व राज्य शासन की योजनाओं के लाभ से वंचित हो गए हैं। और सरकार भी प्रशासन की इस लापरवाही पर आंखें मूंदे हुए है।

छत्तीसगढ़ में बिल्हा ब्लॉक के 2 हजार 560 की आबादी वाले तिरैया गांव में वर्ष 2011 में केंद्र सरकार के निर्देश पर आर्थिक जनगणना का कार्य किया गया था। जिला प्रशासन ने इस गांव में जनगणना कार्य के लिए शिक्षकों और पटवारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। इन कर्मचारियों ने जनगणना तो किया पर डेटा उपडेशन में जमकर लापरवाही बरती। नतीजा यह हुआ कि केंद्र सरकार के पास इस गांव के गरीबों की सूची ही नहीं पहुंची। और केंद्र सरकार की सूची में तिरैया के गरीबों का नाम ही दर्ज नहीं हुआ। इसकी वजह से इस गांव के 1500 गरीब केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं से वंचित हो गए। वहीं झोपड़ी में रहने वाले गरीब भी इन योजनाओं का लाभ नहीं उठा सके ।

वहीं इस मामले के तूल पकड़ने के बाद बिलासपुर के कलेक्टर डॉक्टर संजय अलंग ने कहा कि ग्रामीणों का नाम सर्वे सूची में नही होना गंभीर बात है। सर्वे के दौरान किन-किन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी, इसकी जानकारी मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार