सागर (मध्य प्रदेश) । प्रदेश की कमलनाथ सरकार की किसानों को कर्जमाफी योजना कई किसान परिवारों के लिए आफत बन गयी है। इसको लेकर भारी संख्या में किसानों ने सरकार को आत्महत्या करने की धमकी दी है। किसानों का कहना है कि सरकार की कर्जमाफी सूची में उनका नाम शामिल किया गया है, जबकि उनके ऊपर कोई बकाया राशि नहीं है और न ही उन्होंने कोई कर्ज लिया है।
सागर जिले के हिलगन गांव में नाराज किसानों कर्जमाफी की फर्जी सूची के खिलाफ पंचायत दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। किसान रामकुमार सिंह लोधी ने कहा, 'यदि इस मामले को जल्द नहीं निपटाया जाता है तो हम बड़ी संख्या में आत्महत्या करेंगे।' लोधी का कहना है कि, 'कर्ज इस दुनिया का सबसे भयानक पाप है। जय किसान ऋण माफी योजना के तहत प्रदर्शित किसानों की सूची में मेरे पिता के नाम के आगे 9,547 रुपये का उल्लेख किया गया है। जबकि मेरे नाम के आगे 70,481 रुपये लिखे हुए हैं।' हालांकि लोधी ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने चने की फसल के लिए कर्ज लिया था, लेकिन उसकी राशि केवल 17,000 थी। उन्होंने कहा, 'मेरे पिता ने कभी कोई कर्ज नहीं लिया था फिर भी उनका नाम शामिल किया गया है।' वहीं इस मौके पर किसान ब्रजेंद्र सिंह ने बताया कि, 'गांव के करीब 100 किसान प्रभावित हुए हैं। जिन लोगों ने कर्ज लिया ही नहीं उन्हें डिफॉल्टर दिखा दिया गया है।'
हालांकि राज्य के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह का कहना है कि, 'हम पहले ही मामले की जांच शुरू कर चुके हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन किसानों ने कर्ज नहीं लिया है उन्हें कोई परेशानी न हो।' जबकि कर्जमाफी घोटाले के मामले में पहली गिरफ्तारी शुक्रवार को सुसनेर के आगर-मालवा से हुई है।