बक्सर (बिहार)। सरकार द्वारा मांग न मानने पर आत्महत्या कर लेने की धमकी भरे पत्रों के बारे में आपने पढ़ा और सुना होगा, लेकिन बक्सर में एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया है, जहां छुट्टी नहीं मिलने से परेशान एक बैंक प्रबंधक ने पत्नी की हत्या करने के नाम पर छुट्टी का आवेदन अपने अधिकारियों, मानवाधिकार आयोग, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेज दिया। जैसे ही इस बात की जानकारी शीर्ष बैंक पदाधिकारियों को मिली, उन्होंने उक्त प्रबंधक की छुट्टी को तुरंत स्वीकार कर लिया।
आपको बता दें कि बिहार में बक्सर जिले के रहने वाले मुन्ना प्रसाद बिहार ग्रामीण बैंक की बकसड़ा शाखा में मैनेजर हैं। उनका कहना है कि उनकी पत्नी किडनी रोग से ग्रसित है। जिसका उन्हें सप्ताह में दो बार डायलिसिस कराना पड़ता है। लेकिन बैंक में अकेले कर्मी होने की वजह से उन्हें अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए छुट्टी नहीं मिल पा रही है। उनका आरोप है कि छुट्टी के लिए जब वह क्षेत्रीय बैंक अधिकारियों को फोन करते हैं तो उनका फोन रिसीव नहीं किया जाता है। हालांकि बार-बार मुख्य कार्यालय को छुट्टी के लिए आवेदन देने पर किसी महिला पदाधिकारी का फोन आया था। महिला पदाधिकारी ने कहा था कि छुट्टी नहीं मिलेगी। जब उनसे बहुत आग्रह किया तो उन्होंने झल्लाकर कहा कि सिर्फ दाह संस्कार के लिए ही छुट्टी दी जा सकती है। जिसके बाद अवसाद में आकर उसने प्रधान कार्यालय पटना को इस आशय का पत्र लिखते हुए इसकी प्रति राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और प्रधानमंत्री को भेज दिया।
इस पत्र में मुन्ना प्रसाद ने लिखा कि "मुझे अपनी बीमार पत्नी की हत्या कर उसका अंतिम संस्कार करने के लिए दो दिनों की विशेष छुट्टी दी जाए। मैं रोज-रोज घुटकर इस तरह से काम नहीं कर सकता हूं"। मुन्ना प्रसाद के इस पत्र की खबर लगते ही शीर्ष पदाधिकारियों में खलबली मच गई। और फिर आनन-फानन में मुन्ना प्रसाद को तत्काल छुट्टी दे दी गई। वहीं इस संबंध में ग्रामीण बैंक के अधिकारियों का कहना है कि एकल शाखा होने के कारण यहां कार्यरत कर्मी को छुट्टी देने से पहले दूसरे कर्मचारी को वहां विकल्प में देना होता है, जिससे शाखा का काम प्रभावित नहीं हो।