नई दिल्ली । भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने आधार के इस्तेमाल को लेकर जनता में जारी भ्रम को दूर करने के लिए बैंकों को दिशानिर्देश जारी किया है। यूआइडीएआइ ने अपने पत्र में बैंको को निर्देश दिया है कि वो प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिए सब्सिडी और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाले उपभोक्ताओं की शिनाख्त आधार ईकेवाईसी से करें। हालांकि सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं लेने वाले उपभोक्ताओं को बैंक में अपनी पहचान के लिए आधार उपलब्ध कराना आवश्यक नहीं है।
यूआइडीएआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि जो उपभोक्ता सरकारी सब्सिडी और कल्याणकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली राशि का हस्तांतरण सीधे अपने खाते में करना चाहते हैं। बैंक उन उपभोक्ताओं का बैंक खाता खोलने के क्रम में पहचान के लिए आधार ईकेवाईसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि सरकारी सब्सिडी और काल्याणकारी योजनाओं का लाभ न लेने वाले ग्राहकों का खाता खोलने के लिए बैंक आधार ईकेवाईसी का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। लेकिन यदि ग्राहक अपना आधार कार्ड स्वेच्छा से खाता खोलने के लिए बैंक को देता है तो बैंक उसका इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन बैंक इसके लिए उन्हें बाध्य नहीं कर सकते हैं। यूआइडीएआइ ने बैंकों को पत्र लिखकर आधार के इस्तेमाल को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है। और इस पत्र की एक प्रति रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को भी भेज दी है।
आपको बता दें कि पिछले माह आधार मामले पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना आधार को संवैधानिक रूप से वैध करार दिया था। लेकिन कोर्ट ने बैंक खाते, मोबाइल फोन और स्कूल दाखिले में आधार अनिवार्य करने सहित कुछ प्रावधानों को रद्द कर दिया था। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में आधार को आयकर रिटर्न भरने और पैन कार्ड बनाने के लिए अनिवार्य बताया था। हालांकि अब आधार कार्ड को बैंक खाते से लिंक करना जरूरी नहीं है और मोबाइल सिम का कनेक्शन देने के लिए टेलीकॉम कंपनियां आपसे आधार नहीं मांग सकती हैं।