अमृतसर (पंजाब) । जौड़ा फाटक दशहरा में भीषण हादसे में 59 लोगों की रेलगाड़ी की चपेट में आने से मौत के मामले में नया खुलासा हुआ है। दशहरा का आयोजन करने वाली दशहरा कमेटी ने दो पत्र जारी किया है। पहले पत्र में कमेटी ने पुलिस से सुरक्षा-व्यवस्था की मांग की थी। जबकि दूसरा पत्र पुलिस ने आयोजन कमेटी को लिखा, जिसमें कुछ शर्तो के साथ दशहरा कार्यक्रम आयोजित करने की मंजूरी दी गई है। लेकिन, मेला आयोजकों ने पुलिस की शर्तों का पालन नहीं किया।
पुलिस कमिश्नर एस.एस. श्रीवास्तव का कहना है कि उन्होंने धोबी घाट ग्राउंड पर दशहरा उत्सव के लिए मंजूरी दी थी, लेकिन आयोजकों ने इसकी मंजूरी नगर निगम से नहीं ली। पुलिस ने मेला आयोजन की अनुमति के साथ ही शर्त लगायी थी कि मेला कमेटी को लाउड स्पीकर लगाने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लेनी होगी। आयोजन के कारण शहर के ट्रैफिक में किसी तरह की बाधा नहीं पहुंचनी चाहिए। कोई भी व्यक्ति आयोजन स्थल पर हथियार नहीं ले जा सकेगा। अमृतसर नगर निगम कमिश्नर सोनाली गिरी ने फिर दोहराया कि उनसे धोबीघाट में आयोजन के लिए अनुमति नहीं ली गई थी। हमें आयोजन की जानकारी नहीं थी। मेला आयोजक और कांग्रेस पार्षद विजय मदान के बेटे व आयोजक सौरभ मदान ने बताया कि हमने 19 अक्टूबर के आयोजन के लिए पुलिस से अनुमति ली थी। हमने कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डाक्टर नवजोत कौर सिद्धू के बतौर मुख्य अतिथि आने की जानकारी भी दी थी। इसके लिए सुरक्षा की मांग की थी। जबकि उत्तरी रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने जारी बयान में कहा कि यह कार्यक्रम एक ऐसे क्षेत्र में हो रहा था, जो रेलवे के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
आपको बता दें कि जौड़ा फाटक दशहरा में भीषण हादसे में मात्र 5 सेकेंड में 59 लोग रेलगाड़ी के नीचे कट गए और उनकी मौत हो गयी, जबकि करीब 150 गंभीर रुप से घायल हो गए । इस हादसे का ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शिकार बने। घायलों का सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।