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अधिकारी के ठिकानों से करोड़ों की संपत्ति का खुलासा

अधिकारी के ठिकानों से करोड़ों की संपत्ति का खुलासा

ग्वालियर (मध्य प्रदेश)। लोकायुक्त पुलिस के छापे में प्रदेश का एक और अधिकारी करोड़ों का आसामी निकला । छापेमारी में महिला बाल विकास अधिकारी के घर से करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है। ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस की इस कार्रवाई में सहायक ग्रेड-तीन अधिकारी ध्रुव सिंह भदौरिया के ग्वालियर और भिंड सहित तीन ठिकानों से 6 लाख रुपए कैश, दो डुप्लेक्स, दो प्लॉट और गहने का पता चला है।

ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस को सहायक ग्रेड-तीन अधिकारी ध्रुव सिंह भदौरिया खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिली थी । इस मामले की शिकायत की जांच के बाद लोकायुक्त की दो टीमों ने शुक्रवार सुबह से ध्रुव सिंह भदौरिया के ग्वालियर और भिंड के ठिकानों पर कार्रवाई शुरू की। लोकायुक्त पुलिस ने ग्वालियर के शताब्दीपुरम स्थित उनके घर और भिंड दोनों जगह पर छापे मारे । इस छापेमारी में बड़ी संख्या अवैध संपत्ति का पता चला है। इस अवैध संपत्ति में 6 लाख रुपए नकद, दो डुप्लेक्स, दो प्लॉट और गहने का खुलासा हुआ है। एसपी अमित सिंह और डीएसपी प्रद्युम्न पाराशर के नेतृत्व में ग्वालियर में लोकायुक्त टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। जबकि दूसरी टीम ने भिण्ड के ठिकाने पर छापा मारा।

आपको बता दें कि सहायक ग्रेड-तीन अधिकारी ध्रुव सिंह भदौरिया भिंड जिले में पदस्थ है। ध्रुव सिंह भदौरिया की नियुक्ति पहले चतुर्थ श्रेणी में हुई थी। हालांकि अभी वह महिला बाल विकास विभाग में सहायक ग्रेड 2 के पद पर पदस्थ है। वर्तमान में इसका वेतन 35 हजार रुपए है। लोकायुक्त पुलिस का अनुमान है कि वेतन के हिसाब से ध्रुव सिंह भदौरिया की संपत्ति वर्तमान में तीस लाख होनी चाहिए। इसलिए ऐसा लगता है कि उसने ये संपत्ति भ्रष्ट तरीके से इकट्ठा की है।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार