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एसएसआई और सिपाही रिश्वतखोरी के आरोप में निलंबित

एसएसआई और सिपाही रिश्वतखोरी के आरोप में निलंबित

सोनीपत (हरियाणा)। सरकार के तमाम दावों के बावजूद हरियाणा की ट्रैफिक पुलिस रिश्वतखोरी से बाज नहीं आ रही है। ताजा मामला सोनीपत का है, जहां रिश्वत मांगते हुए एक एसएसआई और सिपाही का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि ये दोनों नेशनल हाइवे नंबर-1 पर वाहन चालकों से एंट्री के नाम पर रिश्वत मांग रहे थे। टैक्सी चालक का आरोप है कि एसएसआई और सिपाही चालान के एवज में 600 रुपये रिश्वत मांग रहे थे। हालांकि वीडियो के वायरल होने के बाद डीआईजी ने दोनों आरोपियों को सस्पेंड कर दिया गया है। डीआईजी का कहना है कि इस मामले की जांच डीएसपी को सौंप दी गयी है। 

आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो नेशनल हाइवे नंबर-1 पर मुरथल के पास का है।  टैक्सी चालक का आरोप है कि एसएसआई जोगेंद्र और सिपाही रविंद्र ने उससे 300 रुपये एंट्री और 300 रुपये चालान के रूप में वसूले, लेकिन वसूले गए 600 रुपए की उन्होंने कोई पर्ची नहीं दी। वहीं इस दौरान चुपके से टैक्सी ड्राइवर के एक साथी ड्राइवर ने इस रिश्वतखोरी का वीडियो बना लिया। इस वीडियो में सिपाही रविंद्र टैक्सी चालक को बार-बार समझा रहा है कि उसने जुगाड़ कर दिया है, वे अम्बाला तक चले जाएं तो कोई दिक्कत नहीं होगी। हालांकि जब टैक्सी ड्राइवर ने सिपाही से पर्ची मांगी तो वह गाली गलौच पर उतर आया। और टैक्सी चालक को जमकर गालियां दी। वहीं सिपाही की इस करतूत को उसके साथी ने वीडियों को रिकॉर्ड करने के बाद ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जब यह वीडियो शनिवार को डीआईजी सतेंद्र गुप्ता के मोबाइल पर दिखाई दिया तो वह हैरान रह गए। उन्होंने आनन-फानन में एएसआई जोगेंद्र व सिपाही रविंद्र को सस्पेंड कर दिया। और इसके बाद डीएसपी वीरेंद्र को इसकी जांच के आदेश दिए। लेकिन सबसे शर्मनाक बात यह है कि आए दिन पुलिसकर्मियों की रिश्वतखोरी का मामला सामने आता रहता है, फिर भी पुलिस प्रशासन कोई सख्त कदम नहीं उठाता, जिससे कि रिश्वतखोरी के इस सिलसिले को रोका जा सके।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार