बहराइच (उत्तर प्रदेश)। प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना को सरकारी अधिकारी, प्रधान और बैंककर्मी पलीता लगाने में लगे हुए हैं। बहराइच जिले में खुलासा हुआ है कि सरकारी अधिकारी और ग्राम प्रधान ने मिलीभगत से प्रधानमंत्री आवास योजना के 67 लाख रुपए पर हाथ साफ कर दिया है। इस महाघोटाले को अंजाम देने में विकास विभाग से लेकर एनआईसी और बैंककर्मियों की मिलीभगत सामने आयी है। बहराइच जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना में जांच के खुलासे ने अधिकारियों की नींद उड़ा दी है।
बहराइच के विकास खंड बलहा के ताजपुर गांव की ग्राम प्रधान अनीसा बेगम ने अधिकारियों की मिलीभगत से पीएम आवास योजना में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया है। इस मामले की जांच में पता चला है कि पीएम आवाज योजना का धन ताजपुर गांव के लाभार्थियों के बैंक खाते की बजाय फर्जी फोटो लगाकर ग्राम प्रधान की बहू, बेटी और रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर किया गया। इस फर्जीवाड़े में 01.20 लाख रुपए प्रति केस के हिसाब से 56 पात्र लाभार्थियों का धन हड़पा गया। खास बात यह है कि पीएम आवास योजना के तहत ताजपुर गांव के 78 पात्र लाभार्थियों का चयन 2016 और 2017 में नियमानुसार 21 आवास देने के लिए किया गया था। और इन 78 लाभार्थियों की सूची एनआईसी द्वारा ऑनलाइन भी कर दी गयी थी। लेकिन इनमें से 56 लाभार्थियों के खाते में अभी तक एक रुपया ट्रांसफर नहीं गया। जबकि शासन की तरफ से काफी पहले ही सभी लाभार्थियों के लिए बजट जारी किया जा चुका है। पीएम आवास योजना में चयन के बाद जब लाभार्थियों को पैसा नहीं मिला तो उन्होंने रुपए के बारे में बैंक में जाकर पता किया । वहां पता चला कि उनके नाम से पैसा तो पहले ही जारी किया जा चुका है। इसका पता चलते ही लाभार्थी सदमे आ गए, कि आखिर क्या करें । हालांकि बाद में वे लोग तहसील दिवस के मौके पर तहसील गए और जिलाधिकारी से अपनी आपबीती सुनाई। उनकी इस बात को सुनकर जिलाधिकारी भी सन्न रह गयी। इसके बाद उऩ्होंने तुंरत सीडीओ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया और पूरे मामले के जांच के आदेश दे दिए।
सीडीओ के नेतृत्व में गठित टीम ने जांच में पाया कि गांव की प्रधान ने बड़ी ही चालाकी से पहले नियमानुसार पात्रों का चयन किया और फिर उनका नाम एनआईसी में ऑनलाइन फीड करवा दिया। और बाद में पात्र लाभार्थियों की फोटो के स्थान पर अपने रिश्तेदारों की फोटो लगवाकर ग्राहक सेवा केंद्र में खाता भी खुलवा दिया। ऐसे में पीएम आवास योजना के पात्र 56 लाभार्थियों की 67 लाख रुपए की राशि लाभार्थियों की बजाय प्रधान के रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर हो गयी। और वहीं पात्र लाभार्थी राशि के इंतजार में बैठे रह गए, लेकिन जब उन्हें इस गड़बड़ी की जानकारी मिली तो उन्होंने मामले की शिकायत की। हालांकि अभी इस घोटाले की जांच जारी है। ऐसी संभावना है कि इस घोटाले में अभी और भी नामों के खुलासे हो सकते हैं।