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अब डीलर जारी करेंगे वाहनों का आरसी और नंबर

अब डीलर जारी करेंगे वाहनों का आरसी और नंबर

नई दिल्ली। वाहन मालिकों के लिए यह राहत भरी खबर है। अब वाहन खरीदने के बाद उसे रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) के लिए परिवहन विभाग का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। डीलर ही बिक्री के साथ वाहनों का आरसी और नंबर आदि जारी कर देंगे। शासन के दिशा-निर्देश पर इस नई व्यवस्था जुलाई महीने से शुरू हो जाएगी। परिवहन विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस नई व्यवस्था को लागू करने की प्रक्रिया पर अमल शुरू हो चुका है।   

इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। डीलरों को पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी जा रही है। जून में इसके लिए अधिकारियों, कर्मचारियों और डीलरों के बीच बैठक होगी। जिसमें विशेषज्ञ लोगों को प्रशिक्षित करेंगे। जुलाई के प्रथम सप्ताह से यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ने बताया कि शासन के दिशा-निर्देश पर परिवहन विभाग ने कार्यालय की पूरी व्यवस्था को ही आनलाइन और पारदर्शी बना दिया है। अब वाहन स्वामियों और अभ्यर्थियों को किसी भी लेनदेन के लिए भागकर आरटीओ दफ्तर पहुंचने की जरूरत नहीं है। वह घर बैठे ही परिवहन विभाग की वेबसाइट https://parivahan.gov.in/parivahan/  पर सभी प्रकार के लेनदेन कर सकते हैं। इसमें वाहनों के टैक्स, ट्रांसफर फीस, पता परिवर्तन फीस, एचपीए निरस्तीकरण, एचपीए दर्ज करना, डुप्लीकेट आरसी, एनओसी जारी करने व इन प्रपत्रों में मोबाइल नंबर अपडेट आदि के ट्रांजेक्शन ऑनलाइन हो रहे हैं। इससे पहले लोगों को अपने वाहन पास करवाने के लिए घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ता था। इस व्यवस्था से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और यह नया सिस्टम पारदर्शिता भी लाएगा। दलालों पर भी रोक लगेगी, क्योंकि फिलहाल लोग अपने काम जल्दी करवाने के चक्कर में दलालों के हाथों में फंस जाते हैं और व्यर्थ में इन कामों के लिए पैसे दे बैठते हैं। अब वाहन खरीदने के बाद डीलर के माध्यम से रजिस्ट्रेशन होगा और इसके बाद स्पीड पोस्ट से उन्हें घर बैठे ही आर.सी. मिल जाएगी।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार