लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। आखिरकार उन्नाव रेपकांड में सीबीआई ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए माखी थाने के तत्कालीन थानेदार अशोक सिंह भदौरिया और दरोगा कांता प्रसाद सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने लम्बी पूछताछ के बाद देर शाम दोनों की गिरफ्तारी की। गुरुवार को सीबीआई दोनों को आरोपियों को कोर्ट में पेश करेगी। इन आरोपियों के साथ ही सहित माखी थाने के छह पुलिसकर्मियों को एसआइटी की जांच के बाद निलंबित कर दिया गया था।
बताया जा रहा है कि इन आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी षड्यंत्र, साक्ष्य मिटाने व फर्जी तरीके से आर्म एक्ट का मुकदमा लिखे जाने के मामले में की गई है। सीबीआइ जांच में पीडि़त किशोरी के पिता की हत्या के मामले में अहम तथ्य सामने आए हैं। तत्कालीन एसओ सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने पीडि़त किशोरी के पिता को जेल भेजने के आपराधिक इरादे से ही फर्जी तरीके से तमंचे की बरामदगी दिखाई गई थी। यह भी साफ हो गया है कि माखी थानाध्यक्ष सहित अन्य पुलिसकर्मी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के दबाव में थे। पीडि़त किशोरी के पिता की हत्या के आरोप में विधायक सेंगर के भाई अतुल सिंह सहित पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
माना जा रहा है कि सीबीआई का शिकंजा जल्दी ही अन्य आरोपी पुलिसकर्मियों पर भी कस सकता है। पीड़िता के पिता की हत्या की जांच में पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी को बेहद अहम माना जा रहा है। इसके साथ ही अब पीड़िता किशोरी के पिता को फंसाने के लिए रचे गए पुलिसिया खेल की अन्य परतें भी खुलेंगी।
आपको बता दें कि सीबीआई जांच के दौरान पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया गया था कि 4 जून 2017 को रेप की घटना के बाद माखी पुलिस ने साजिश के चलते मामले को दबा दिया था। जबकि 3 अप्रैल को कचहरी पेशी से लौटे पीड़िता के पिता की विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर ने अपने साथियों के साथ मिलकर पिटाई की थी। इस पिटाई के बाद 9 अप्रैल को तड़के पीड़िता के पिता की जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इस प्रकरण में थानेदार अशोक सिंह भदौरिया और बीट दरोगा कांता प्रसाद सिंह ने विधायक के भाई के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय पीड़िता के पिता के खिलाफ फर्जी रिपोर्ट लिखकर उन्हें जेल भेज दिया गया था। जब सीबीआई ने पीड़िता के पिता पर रिपोर्ट दर्ज कराने वाले उसके चचेरे भाई टिंकू सिंह को गिरफ्तार किया तब जाकर मामले की हकीकत सामने आयी। टिंकू सिंह ने सीबीआई को दिए अपने बयान में बताया है कि पुलिस के कहने पर उसने पीड़िता के पिता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एक महीने की जांच और टिंकू के बयानों से मिले तथ्यों को लेकर सीबीआई ने कई अहम सबूत जुटाए। और फिर पूरे मामले की जांच के बाद सीबीआई ने माखी थाने के तत्कालीन थानेदार अशोक सिंह भदौरिया और दरोगा कांता प्रसाद सिंह को गिरफ्तार कर लिया।