जोधपुर (राजस्थान)। मोबाइल फोन पर बात करते हुए वाहन चलाने वालों के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर बेंच ने सख्त रुख अपनाया है। जोधपुर बेंच ने एक जनहित याचिका पर यातायात पुलिस को वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने वाले वाहन चालकों के फोटो लेकर उनके लाइसेंस रद्द करने को कहा है। इसके लिए लाइसेंस जारी करने वाले परिवहन विभाग से इस मामले में सख्त कदम उठाने का आदेश दिया है। यातायात पुलिस मोबाइल पर बात करने वाले वाहन चालकों के फोटो लेगी और तत्काल परिवहन विभाग को यह फोटो भेजी जाएगी। इसके बाद वाहन चालकों के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे।
महेन्द्र लोढ़ा की एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट में न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास और न्यायाधीश रामचन्द्र सिंह झाला की खंडपीठ ने कहा कि दो पहिया और चार पहिया वाहनों पर मोबाइल पर बात करना गैर कानूनी है। कोर्ट के ध्यान में लाया गया है कि इस कारण से सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है। लोगों की इस प्रवृति पर अंकुश लगाना आवश्यक है। ऐसे में राज्य सरकार और यातायात पुलिस को आदेश दिया जाता है कि वे इस बात को सुनिश्चित करे कि कोई भी चालक वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करता नजर नहीं आए। यदि कोई ऐसा करता पाया जाता है तो यातायात पुलिस मोबाइल पर बात करते हुए उसकी फोटो लेने के साथ अन्य प्रक्रिया को पूरा करे। इसके पश्चात उस चालक की पूरी जानकारी लाइसेंस जारी करने वाले परिवहन अधिकारी के पास भेजे। परिवहन विभाग को आदेश दिया जाता है कि यातायात पुलिस से मिली ऐसी शिकायत पर त्वरित कदम उठाते हुए मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने वाले चालक का लाइसेंस नियमानुसार रद्द कर दिया जाए। यदि आवश्यक हो तो ऐसे चालक को एक बार अपना पक्ष रखने की अनुमति प्रदान की जा सकती है। खंडपीठ ने 22 मई को इस आदेश की पालना रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।