नई दिल्ली। विजय माल्या और नीरव मोदी के बैंकों से कर्ज लेकर विदेश भाग जाने के आरोपों को झेल रही मोदी सरकार ने अब एक सख्त कदम उठाया है। पंजाब नेशनल बैंक में 12,672 करोड़ फ्रॉड के बाद केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बैंकों के लिए एहतियातन नई गाइडलाइन जारी की। केंद्र सरकार ने कहा है कि 50 करोड़ से ज्यादा लोन लेने वाले नए कर्ज आवेदकों को अन्य जरूरी दस्तावेजों के साथ ही पासपोर्ट विवरण जमा कराना होगा, जबकि मौजूदा कर्जदारों को पासपोर्ट विवरण जमा कराने के लिए 45 दिनों की मोहलत दी गई है। ताकि अगर कोई फ्रॉड सामने आए तो बैंक वक्त रहते संबंधित अथॉरिटी को सूचना दे पाएं और आरोपी को विदेश भागने से पहले पकड़ा जा सके। मोदी सरकार की इस नई रणनीति से कर्ज लेकर विदेश भागने वालों का रास्ता बंद हो गया है। पासपोर्ट विवरण नहीं होने की सूरत में बैंक अपने डिफॉल्टर्स, खास तौर पर विलफुल डिफॉल्टर्स के विदेश भाग जाने के मामले में समय रहते कार्रवाई नहीं कर पा रहे थे।
आपको बता दें कि पासपोर्ट विवरण नहीं होने की सूरत में बैंक अपने डिफॉल्टर्स, खास तौर पर विलफुल डिफॉल्टर्स के विदेश भाग जाने के मामले में समय रहते कार्रवाई नहीं कर पा रहे थे। नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या, जतिन मेहता और इस तरह के कई अन्य डिफॉल्टर विभिन्न बैंकों को हजारों करोड़ रुपये का चूना लगाकर विदेश भाग चुके हैं और अब वापस आने को तैयार नहीं हैं। पंजाब नेशनल बैंक को 12,700 करोड़ रुपये तक का चूना लगाने वाले हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चोकसी ने तो देश लौटने और विभिन्न एजेंसियों के साथ सहयोग करने से साफ तौर पर मना कर दिया है।
वहीं नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के भागने के बाद ही पिछले सप्ताह मंत्रिमंडल ने फ्युजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स बिल को मंजूरी दे दी थी। बिल के तहत ऐसे भगोड़ों की जब्त की गई संपत्ति जल्द से जल्द बेच दिए जाने का प्रावधान भी है, ताकि रकम की जल्द भरपाई की जा सके।