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जम्मू एवं कश्मीर से समाप्त की गयी धारा(अनुच्छेद)- 370 वापस होगी ? Jammu-Kashmir Assembly Elections

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जम्मू एवं कश्मीर से समाप्त की गयी धारा(अनुच्छेद)- 370 वापस होगी ? Jammu-Kashmir Assembly Elections

Will Article 370, which was abolished from Jammu and Kashmir, be brought back? विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही जम्मू एवं कश्मीर में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गयी हैं। प्रदेश में लगभग 10 वर्ष के बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दल कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। सभी दलों ने राज्य की सत्ता पर कब्जा करने के लिए शह-मात का खेल शुरु कर दिया है। यद्यपि 2019 में अनुच्छेद यानी धारा 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर की परिस्थितियां बदली हैं। समीकरण बदले हैं। नारे बदले हैं। माहौल यानी वातावरण में भी बदलाव आया है। तथा नए-नए दल भी अस्तित्व में आए हैं। लेकिन कश्मीर केंद्रित नेशनल कांफ्रेंस तथा पीडीपी जैसी पार्टियों का एजेंडा नहीं बदला। आज भी उनके लिए घाटी में अनुच्छेद 370 तथा पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली चुनाव का प्रमुख मुद्दा है। वहीं भाजपा अनुच्छेद 370 के हटने के बाद राज्य में हुए विकास तथा नेशनल कांफ्रेंस एवं पीडीपी की परिवारवादी राजनीति को मुद्दा बनाकर चुनावी अखाड़े में ताल ठोंक रही है। Follow us- वेबसाइट- https://adhikarexpress.com/ फेसबुक- https://www.facebook.com/adhikarexpress1 ट्विटर- https://twitter.com/adhikarexpress1 कू- https://www.kooapp.com/profile/adhikarexpress इंस्टाग्राम-https://www.instagram.com/adhikarexpress/ For any complaint or suggestion mail to This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it.. मित्रों, अधिकार एक्सप्रेस एक स्टार्ट-अप ऑनलाइन सूचना/समाचार चैनल है। इसका संचालन अधिकार एक्सप्रेस फाउंडेशन दिल्ली के द्वारा किया जा रहा है। अधिकार एक्सप्रेस सरकार(लोक प्रशासन) एवं जनता के लोक सेवा अधिकारों के विषय में जानकारी देने के साथ ही इससे संबंधित समाचारों को जनता तक पहुंचाने का कार्य करता है। उपयोग की शर्तें (Disclaimer) हालांकि इस सामग्री की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए हमने सभी प्रयास किए हैं, फिर भी इसे कानून के एक साक्ष्य के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए या किसी कानूनी उद्देश्यों के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इसके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उपयोग से उत्पन्न होने वाले या डेटा के उपयोग से उत्पन्न होने वाली किसी भी घटना के तहत अधिकार एक्सप्रेस, बिना किसी सीमा के हानि या नुकसान के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार