हमारे देश में सरकारी राशन की दुकानें राशन की चोरी के लिये कुख्यात हैं। अक्सर उपभोक्ता आरोप लगाते हुये मिल जायेंगे कि सरकारी राशन की दुकान के राशन डीलर यानी कोटेदार उन्हें कम राशन देते हैं। वहीं अधिकतर कोटेदार उनके इन आरोपों को सिरे से नकार देते हैं। जबकि कुछ कोटेदारों का कहना है कि जब उन्हें ही खाद्य एवं रसद विभाग से राशन कम मिलता है तो वह भला उपभोक्ताओं को पूरा राशन कैसे दे सकते हैं। जबकि एक कोटेदार ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि जनपद के अधिकारी उनके इलेक्ट्रनिक तराजू में बदलाव करवा देते हैं, जिसके कारण कम तौल के होते हुए भी राशन के कम होने का पता ही नहीं चलता है। अब ये सभी गोलमाल कैसे किया जा रहा है, इसके लिये चलिये हम आपको मिलवाते हैं,,, खाद्य एवं रसद विभाग के मार्केटिंग इंस्पेक्टर यानी विपणन निरीक्षक से,,,। हमारी वेबसाइट है: http://adhikarexpress.com/