हमारे देश में ग्राम प्रधान और अधिकारी सरेआम पंचायती राज व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे हैं। प्रधान, प्रमुख अधिकारियों के साथ मिलकर पंचायत समितियों का गठन रजिस्टर व कागजों पर कर रहे हैं, और सदस्यों को इसका पता तक नहीं है। इन समितियों जो सदस्य बनाए भी जाते हैं उन्हें पूछा तक नहीं जाता है। इनके अध्यक्ष और सदस्यों को तो अधिकार तक पता नहीं हैं। उनकी मानें तो प्रधान जहां कहते हैं वह वहां हस्ताक्षर कर देते हैं।,,,चलिए हम आपको बताते हैं,,,,