अब नए कानून में माता-पिता के अलावा सास-ससुर, दादा-दादी, नाना-नानी भी आएंगे चाहे वह सीनियर सिटीजन हो या ना हों। यदि बुजुर्ग का कोई बेटा-बेटी ना हो तो उसके भरण-पोषण देखभाल की जिम्मेदारी उसके रिश्तेदार पर होगी। यदि प्रॉपर्टी ज्यादा लोगों में बंट रही है तो उन सभी लोगों को बुजुर्ग के प्रति एक साथ मिलकर जिम्मेदारी उठानी होगी।