Main Menu

जीरो एफआईआर कैसे दर्ज कराएं

जीरो एफआईआर कैसे दर्ज कराएं

जीरो एफआईआर क्या होती है 

हर पुलिस स्टेशन की एक क्षेत्रीय सीमा होती है। यदि किसी कारण से आप अपने क्षेत्र के थाने में नहीं पहुंच पा रहे हैं या फिर आपको इसकी जानकारी नहीं है तो जीरो एफआईआर के तहत आप सबसे नजदीकी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं।

  • जीरो एफआईआर में क्षेत्रीय सीमा नहीं देखी जाती है। इसमें अपराध के स्थान से कोई मतलब नहीं होता है।
  • इसमें सबसे पहले रिपोर्ट दर्ज की जाती है।
  • इसके बाद जिस थाना क्षेत्र में घटना हुई है, वहां के क्षेत्र वाले पुलिस स्टेशन में एफआईआर को फॉरवर्ड कर दी जाती है।
  • यह प्रावधान सभी व्यक्तियों के लिए किया गया है।
  • इसका उद्देश्य है कि क्षेत्रीय सीमा की वजह से किसी को न्याय मिलने में देर न हो और जल्द से जल्द शिकायत पुलिस तक पहुंच जाए। 

जीरो एफआईआर के फायदे 

  • इस प्रावधान के तहत जांच की प्रक्रिया तुरंत शुरू हो जाती है और समय बर्बाद नहीं होता है।
  • इसमें पुलिस 00 सीरियल नंबर से एफआईआर लिखती है। इसके बाद केस को संबंधित थाने में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
  • जीरो एफआईआर से अथॉरिटी को शुरुआती स्तर पर ही कार्रवाई करने का समय मिल जाता है। 

जीरो एफआईआर न लिखें तो क्या करें 

  • यदि कोई भी पुलिस स्टेशन जीरो एफआईआर लिखने से मना करे तो पीड़ित सीधे पुलिस अधिक्षक को इसकी शिकायत कर सकता है और अपनी कम्प्लेंड रिकॉर्ड करवा सकता है।
  • एसपी खुद इस मामले की जांच कर सकते हैं या फिर किसी दूसरी अधिकारी को निर्देशित कर सकते हैं।
  • सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट कर चुका है कि कोई भी पुलिस ऑफिसर एफआईआर लिखने से इंकार करे तो उस पर डिसिप्लिनरी एक्शन लिया जाए।
  • कोई व्यक्ति चाहे तो वह ह्युमन राइट्स कमीशन में भी जा सकता है।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार