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पुलिस हिरासत में कैदी के अधिकार

पुलिस हिरासत में कैदी के अधिकार

पुलिस हिरासत

  • अगर कोई पुलिसकर्मी हिरासत में किसी व्यक्ति को सताता है या यातना देता है तो उस व्यक्ति को पुलिसकर्मी की पहचान कर उसके खिलाफ आपराधिक आरोप दर्ज करने चाहिए
  • अगर हिरासत मे महिला के साथ बलात्कार तथा यौन संबंधी अन्य दुर्व्यवहार होता है तो उसे तुरंत डॉक्टरी जांच की मांग करनी चाहिए तथा मजिस्ट्रेट से शिकायत करनी चाहिए।
  • किसी महिला को केवल महिलाओं वाले लॉक अप में रखा जाना चाहिए।
  • अगर किसी थाने में ऐसी व्यवस्था नहीं है तो हिरासत में ली गयी महिला को मांग करनी चाहिए कि उसे ऐसे थाने में भेजा जाए जहां महिलाओं के लिए लॉक अप हो।

उच्चतम न्यायालय के निर्देश

  • गिरफ्तार व्यक्ति को अपनी गिरफ्तारी औऱ हिरासत में लिए जाने की सूचना अपने मित्र, संबंधी या किसी अन्य व्यक्ति को देने का अधिकार है ।
  • गिरफ्तार करने वाले अधिकारी को किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर थाने ले जाते समय उसे सूचना देने के अधिकार की अवश्य जानकारी देनी चाहिए
  • जिस व्यक्ति को गिरफ्तार किए जाने वाले व्यक्ति ने अपनी गिरफ्तारी की जानकारी दी है , उसका नाम पुलिस डायरी में दर्ज किया जाना चाहिए।

अभियुक्त की डॉक्टरी जांच-

  • एसआई रैंक या उसके ऊपर का पुलिस अधिकारी अदालत में दरख्वास्त देकर अभियुक्त का डॉक्टरी जांच करवा सकता है। ताकि उस डॉक्टरी सर्टिफिकेट को वह साक्ष्य के रुप में इस्तेमाल कर सके।
  • अभियुक्त स्वयं भी अपनी डॉक्टरी जांच के लिए अदालत को प्रार्थना-पत्र दे सकता है, ताकि वह साबित कर सके कि उसके साथ पुलिस द्वारा ज्यादती या मारपीट तो नहीं की गयी है। 

महिला अभियुक्त के अधिकार-

  • महिला पुलिस की ही हिरासत में रखने का अधिकार।
  • महिला डॉक्टर द्वारा ही डॉक्टरी जांच का अधिकार।
  • किसी अपराध में पूछताछ के लिए सूर्यास्त के बाद या सूर्योदय के पहले किसी भी पुलिस स्टेशन में नहीं बुलाने का अधिकार।
  • किसी भी मामले में पूछताछ के दौरान महिला आरक्षी की उपस्थिति का अधिकार।
  • गिरफ्तार महिला को महिला आरक्षी से ही तलाशी का अधिकार।
  • घर की तलाशी के दौरान महिला अपराधी को घर से बाहर आने का समय पाने का अधिकार।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार