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ड्यूटी सिस्टम से परेशान सिपाही ने की आत्महत्या

ड्यूटी सिस्टम से परेशान सिपाही ने की आत्महत्या

अमरोहा (उत्तर प्रदेश)। पंकज कुमार बालियान नाम के एक सिपाही की आत्महत्या ने उत्तर प्रदेश पुलिस की व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। पुलिस के ड्यूटी सिस्टम से परेशान होकर अमरोहा के धनोरा थाने में तैनात सिपाही पंकज ने आत्महत्या कर ली। अपने पीछे छोड़े सुसाइड नोट में पंकज ने अपनी आत्महत्या के लिए ख़राब पुलिस ड्यूटी सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया है। और पुलिस अधिकारियों से अपील की है कि इसमें बदलाव किया जाना चाहिए। इस मामले में एसपी ने सीओ से रिपोर्ट तलब की है। 

सिपाही पंकज कुमार बालियान पुत्र नरेश बालियान मुजफ्फरपुर जिले के मोहम्मद मारन थाना बाराह कला के निवासी थे। पंकज बालियान की तैनाती अमरोहा के मंडी धनौरा थाने में थी। वह थाने के समीप ही किराए के मकान में अपने साथी अतुल कुमार के साथ रहते थे। सोमवार की रात पंकज गांव टंडेरा मार्ग पर गश्त ड्यूटी में थे। रात दस बजे ड्यूटी खत्म करने के बाद पंकज अपने कमरे पर आ गए। मंगलवार सुबह उनका साथी अतुल जब कमरे पर पहुंचा तो पंकज का शव रस्सी के फंदे पर लटका दिखाई दिया। 

पुलिस ने पंकज के शव को नीचे उतारा, जिसके बाद शव की जेब से एक सूइसाइड नोट बरामद किया गया। पुलिस के मुताबिक सुइसाइड नोट डीजीपी के नाम है। जिसमें साफ कहा है कि वह पुलिस की ड्यूटी सिस्टम से परेशान हैं। नोट में पंकज ने लिखा, 'मेरी मौत का जिम्मेदार केवल ड्यूटी सिस्टम खराब होना है। इसलिए मेरी मौत का जिम्मेदार किसी अधिकारी, कर्मचारी, थाना स्टाफ, दोस्त, परिवार, लड़की, को ना ठहराया जाए।'  इसमें ड्यूटी सिस्टम पर सवाल उठाते हुए मार्मिक अपील की गयी है कि ड्यूटी सिस्टम में सुधार लाकर मानसिक रूप से कमजोर हो रहे पुलिस कर्मियों को बचाएं। पुलिस कर्मियों का ड्यूटी सिस्टम खराब है। आए दिन ड्यूटी का बढ़ता दबाव उन्हें मानसिक रूप से कमजोर कर रहा है। दिनों-दिन खराब हो रहे इस डयूटी सिस्टम में सुधार लाया जाए, ताकि अन्य पुलिस कर्मियों को सुसाइड जैसे आत्मघाती कदम ना उठाना पड़े। वहीं पुलिस को एक आडियो भी मिला, जिसमें किसी लड़की से अंतिम बार बात की गई है। घटना के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। 

वहीं पंकज की आत्महत्या को लेकर परिजनों ने हंगामा किया और मुकदमा दर्ज कराने की मांग की। मृतक के पिता नरेश बालियान ने अपने बेटे पंकज की हत्या का आरोप थाना प्रभारी धनौरा मुकेश कुमार पर लगाया है। पिता का आरोप है कि दो दिन पूर्व ही पंकज छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटा था। तब उसने प्रभारी निरीक्षक के प्रताड़ित करने की बात कही थी। एसपी विपिन ताडा ने बताया कि मृतक के परिजनों ने उसे आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई के लिए तहरीर दी है। मामले की जांच सीओ मंडी धनौरा मोनिका यादव को दी गई है। 

गौरतलब है कि पिछले साल पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने पुलिसकर्मियों के लिए हफ्ते में एक छुट्टी का प्रावधान किया था। लेकिन हकीकत यह है कि आज भी एक पुलिसकर्मी को सातों दिन 12 से 14 घंटों काम करना पड़ता है। पंकज के सुसाइड नोट ने इस बात को साबित किया है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार