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अब अविवाहित महिलाओं को भी मिलेगी पेंशन

अब अविवाहित महिलाओं को भी मिलेगी पेंशन

भोपाल (मध्य प्रदेश) । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अविवाहित महिलाओं के लिए एक अहम फैसले को मंजूरी दी गयी। मध्य प्रदेश सरकार ने 50 साल से ज्यादा उम्र की अविवाहित महिलाओं को भी पेंशन देने का फैसला किया है। 

शिवराज कैबिनेट की बैठक के फैसले की जानकारी देते हुए जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि बैठक में सामाजिक सुरक्षा के तहत सरकार 50 साल के ऊपर की उम्र की अविवाहित महिलाओं को पेंशन देने का फैसला लिया गया है। इसमें 50 से 79 आयु वर्ग की महिलाओं को 300 रुपए महीना और 80 साल से अधिक आयु की महिला को 500 रुपए प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी। इसके लिए महिलाओं का मध्य प्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य होगा। आयकर दाता या सेवारत महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। सामाजिक न्याय विभाग के इस प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इसके अलावा कैबिनेट ने सभी पुलिस थानों में टॉयलेट बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। पुलिस थानों में महिला पुलिसकर्मियों के लिये अलग से कक्ष बनाए जाएंगे। 676 थानों में महिला पुलिसकर्मी और महिला फरियादी के लिये कक्ष और टॉयलेट बनाये जाएंगे। 

कैबिनेट की बैठक में ये भी तय किया गया कि प्रदेश सरकार प्रतिभावान 100 युवाओं को अखिल भारतीय सेवाओं की परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली में कोचिंग दिलाएगी। उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश ने मूल निवासियों के लिए इस नई योजना को लागू किया है, इसको कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। इसमें 100 युवाओं का चयन किया जाएगा। इन्हें रोजमर्रा के खर्च के लिए हर माह साढ़े 12 हजार छात्रवृत्ति देने के साथ किताबें खरीदने एकमुश्त 15 हजार रुपए भी दिए जाएंगे।

 

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार