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नगर निगम का बेलदार(चपरासी) निकला करोड़पति !

नगर निगम का बेलदार(चपरासी) निकला करोड़पति !

इंदौर (मध्य प्रदेश)। हमारे देश में पढ़ा-लिखा व्यक्ति सरकारी नौकरी ही करना चाहता है, चाहे वह चपरासी का पद ही क्यों न हो। क्योंकि लोगों की धारणा है कि सरकारी नौकरी से ही बिना मेहनत किए भ्रष्टाचार करके करोड़पति बना जा सकता है। ऐसी ही सोच वाले इंदौर नगर निगम के बेलदार रियाजुल हक अंसारी के घर पर लोकायुक्त पुलिस इंदौर की टीम ने छापा मारा । इस कार्रवाई में करीब एक करोड़ से अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ। हालांकि अभी उसके बैंक खातों की जांच होना बाकी है।

आपको बता दें कि इंदौर नगर निगम में बेदलदार (चपरासी के स्तर का पद) पद पर कार्यरत रियाजुल हक अंसारी के देव छाया अपार्टमेंट स्नेह लता गंज में लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई की। यहां जांच के दौरान रियाजुल और उसके परिजनों के नाम से भवन, भूखंड और दुकान होने की जानकारी मिली, जिनकी कीमत करीब एक करोड़ से अधिक आंकी गई है। देव छाया अपार्टमेंट में फ्लैट नंबर 303, 404 एवं पेंटहाउस मिला। पाकिजा लाइफस्टाइल में एक प्लाट ए-22 जिसमें वर्तमान में मकान निर्माणाधीन है। 78.79 नाहर शाहवली कंपाउंड, खजराना में बहन के नाम पर मकान। जेल रोड में एक दुकान थी जिसे बेच दिया गया है।

लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि अंसारी के घर से तलाशी के बाद अब तक 50 हजार रुपए नगद, सोने-चांदी के आभूषण, प्लाट, जेल रोड पर दुकान व अन्य संपत्तियां मिली है। अंसारी के घर के पास से एक डस्टर कार और दो टू व्हीलर वाहन भी मिले हैं। इसके अलावा बैंकों में खाते होने की जानकारी भी प्राप्त हुई है, जिनकी जांच की जाएगी।

सबसे हैरानी की बात यह है कि बेलदार की नौकरी करने वाला रियाजुल हक अंसारी 16 साल की नौकरी में करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन गया। फिलहाल लोकायुक्त की कार्रवाई जारी है, अभी उसके और भी काले कारनामों का खुलासा हो सकता है।

रियाजुल हक अंसारी के बारे में जानकारी मिली है कि पिता की मौत के बाद 2003 में उसे इँदौर नगर निगम में अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी। हालांकि कुछ समय बाद उसे स्थायी कर दिया गया था। जबकि इंदौर नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह ने 20 दिसंबर को रियाजुल हक अंसारी को बर्खास्त कर दिया था। उसके ऊपर नगर निगम की छवि धूमिल करने के साथ अफसरों के खिलाफ बयानबाजी का भी आरोप है। लेकिन 8 दिन पहले उसको बहाल कर दिया गया था। वर्तमान में वह जोन क्रमांक-5 में कार्यरत है।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार