नई दिल्ली । केंद्र सरकार नागरिकों को अपराधों से जुड़ी शिकायतों के लिए दर-दर भटकने से छुटकारा दिलाने के लिए नई पहल करने जा रही है। सरकार इसके लिए जल्द ही सभी राज्यों के लिए 'नागरिक केंद्रित पोर्टल' शुरू करने जा रही है। लोग इस पोर्टल पर सात अपराधों और उससे जुड़ी सेवाओं की ऑनलाइन शिकायत दाखिल करने के साथ ही एफआइआर दर्ज करा सकेंगे। इस पोर्टल के जरिये नागरिक अपने संभावित घरेलू सहायकों, ड्राइवरों, किरायेदारों आदि की पृष्ठभूमि का सत्यापन भी करा सकेंगे। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि नागरिक केंद्रित पोर्टल जल्द ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरुआत के लिए तैयार हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि 'नागरिक केंद्रित पोर्टल' गृह मंत्रालय की 'स्मार्ट' पुलिस की अवधारणा पर आधारित है। स्मार्ट यानी एसएमएआरटी में एस ''स्ट्रिक्ट और ''सेसेंटिव (सख्त और संवेदनशील) के लिए है जबकि एम ''मॉडर्न एवं मोबाइल के लिए है। वहीं ए ''एलर्ट(चौकस) तथा ''एकांटेबेल (जवाबदेह) के लिए है। आर ''रिलायबल (भरोसेमंद) के लिए है जबकि टी ''ट्रेन्ड (प्रशिक्षित) तथा ''टैक्नो-सैवी (तकनीक का जानकार) के लिए है। इस पोर्टल से 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सात अपराधों और संबंधित सेवाओं के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए ऑनलाइन सुविधा मिलेगी। इनमें कर्मचारियों, किरायेदारों और नर्सों के सत्यापन, सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए अनुमति, खोई-पाई चीजों और वाहन चोरी शामिल हैं। संबंधित व्यक्ति की निजता की सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से पोर्टल पर अपराध से संबंधित आंकड़े और रिपोर्ट सिर्फ अधिकृत पुलिस अधिकारी ही सर्च कर सकेंगे। किसी की आपराधिक पृष्ठभूमि के सत्यापन के लिए आवेदन करने वाले नागरिकों को इसकी सूचना ईमेल के जरिये उपलब्ध कराई जाएगी। इस पोर्टल का उद्देश्य आपराधिक जांच को नागरिकों के अनुकूल बनाना है। इस पर दर्ज नागरिकों की रिपोर्ट और अनुरोध को बिना समय गंवाए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे जाते हैं ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।