मुंगेर (बिहार) । आजकल मोबाइल से सेल्फी लेकर अपने दोस्तों या रिश्तेदारों को फोटो भेजते हुए आपने बहुत देखा होगा, लेकिन क्या आपने कर्माचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सेल्फी का इस्तेमाल करते हुए सुना या देखा है, यदि नहीं तो हम आपको बताते हैं। मुंगेर के जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने विकास कार्यों में गति लाने और लापरवाह अधिकारियों पर नियंत्रण कसने को लेकर 'सेल्फी अटेंडेंस' बनने की नई प्रणाली की शुरुआत की है। जिलाधिकारी ने संसेवा ऐप के नाम से शुरू इस एप्लिकेशन का पहला प्रयोग ग्रामीण विकास विभाग में किया है। दूसरे चरण में इस सेवा की शुरुआत जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग में की गई है। इस सेवा का इस्तेमाल करने वाला मुंगेर देश का पहला जिला है।
जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने संग्राहलय सभागार में 'संसेवा मोबाइल एप' की शुरुआत की । उन्होंने बताया की मुंगेर भारत का पहला जिला होगा, जहां 'सेल्फी अटेंडेंस मॉनेटरिंग सेवा' के माध्यम से कर्मियों को उपस्थिति बनाया जाएगा। सेल्फी अटेंडेंस के लिए ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि आदि विभाग के अधिकारियों और कर्मियों का डाटाबेस तैयार किया गया है। इसके बाद संसेवा एप से सभी कर्मियों एवं अधिकारियों को जोड़ा गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि जैसे ही सेल्फी उपलोड होगी, वैसे ही उसका जीपीएस लोकेशन अंकित हो जाएगा और सेल्फी लेने वाले के चेहरे की पहचान कर ली जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा की क्षेत्रीय कर्मियों और पदाधिकारियों के कार्य क्षेत्र निर्धारित होते हैं और बिना आवश्यक कारण के अपने कार्य क्षेत्र से बाहर न जाए इसके लिए यह व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि जैसे ही कोई कर्मी कार्य क्षेत्र से बाहर निकलता है तो उसका मोबाइल पर ऑटो जनरेटेड स्पष्टीकरण आ जाएगा। स्पष्टीकरण का जवाब संतोषजनक नहीं होने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि हाईली एडवांस टेक्नोलॉजी युक्त यह एप जिओ, फेसिंग, वर्चुअल, इमेज जीपीएस जैसी तकनीकों से लैस है। एक जुलाई से यह पूरी तरह से कार्यशील हो जाएगी। आनंद शर्मा ने यह भी बताया कि अगले चरण में अन्य विभागों को भी इस एप से जोड़ा जाएगा।