नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश के हर गांव तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाने के लिए एक अहम कदम उठाने जा रही है। अब सरकार कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) चला रहे सभी ग्रामीण उद्यमियों को बैंकिंग कॉरेस्पॉंडेंट बनाएगी। इतना ही नहीं कॉमन सर्विस सेंटरों बैंकों से जोड़ने के अतिरिक्त उन्हें रेल आरक्षण और जनरल टिकट बुक करने का अधिकार भी दिया जा रहा है। इस बात का एलान रेल और वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को किया।
रेल और वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वह सभी 2.90 लाख सीएससी को बैंकिंग कॉरस्पांडेंट्स की तरह काम करने की मंजूरी देन जा रहे हैं। इसके अलावा यह भी देखेंगे कि किस तरह सीएससी पर एक्सटेंडेंड बैंक काउंटर्स शुरू किए जा सकते हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज आसानी से उपलब्ध हो सके। इसके लिए गोयल ने कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद से सीएससी के जरिए फाइनेंशियल सर्विसेज उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को स्पीड, स्किल और स्केल उपलब्ध कराने के लिए कहा है। उनका ये भी कहना था कि सीएससी मुद्रा लोन उपलब्ध कराने का एक माध्यम भी बन सकता है।
वहीं इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार ने सभी वीएलई को बैंकिंग कॉरेस्पॉंडेंट बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। देश में इस वक्त 2.90 लाख सीएससी हैं, जिनमें 54000 सीएससी को महिलाएं चला रही हैं। रविशंकर प्रसाद मुताबिक सरकार चाहती है कि देश की सभी 2.50 लाख ग्राम पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचे, ताकि सभी को डिजिटल सेवाएं मुहैया करायी जा सकें।
इतनी ही नहीं सरकार सभी 02.50 लाख ग्राम पंचायतो में सीएससी वाई-फाई चौपाल खोलने की योजना बना रही है, जो अभी 18 हजार ग्राम पंचायत तक सीमित है। सीएससी वाई-फाई चौपाल का उद्देश्य ग्राम पंचायत को इंटरनेट के माध्यम से बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इसके लिए सरकार ने एक लाख 60 हजार किमी ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है। इतना ही नहीं, सरकार की योजना सीएससी को मेडिकल स्टोर, डॉयग्नोटिक सेंटर, बीपीओ जैसी सुविधाओं से जोड़ने की भी है।
जबकि रेल मंत्री पीयूष ने बताया कि अभी तक करीब 40 हजार सीएससी रेल टिकट फैसेलिटी से टेक्निकली कनेक्ट हो चुके हैं। हालांकि अगले 8-9 महीने से सभी सीएससी को सीएससी रेल टिकट फैसेलिटी से कनेक्ट कर लिया जाएगा। यह समझौता आईआरसीटीसी और सीएससी इंडिया के बीच हुआ है। गौरतलब है कि सीएससी के जरिए देश के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।