जन्म प्रमाणपत्र
जन्म प्रमाणपत्र सभी कार्यों के लिए जन्म की तारीख और तथ्य को प्रमाणित करता है । यह हर नागरिक के लिए आवश्यक है ।
जन्म प्रमाणपत्र के लिए कानून
जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र ,1969 के मुताबिक हर जन्म और मृत्यु प्रसव का पंजीकरण संबंधित राज्य या संघ राज्य क्षेत्र की सरकार में होने के 21 दिन के अंदर करें ।
महापंजीयक- केंद्र में जन्म और मृत्यु प्रसव का पंजीकरण का काम करता है ।
मुख्य पंजीयक- राज्यों में जन्म और मृत्यु प्रसव का पंजीकरण का काम करता है ।
जिला पंजीयक- गांवों में जन्म और मृत्यु प्रसव का पंजीकरण का काम करता है ।
पंजीयक परिसर- नगरों में जन्म और मृत्यु प्रसव का पंजीकरण का करता है ।
जन्म प्रमाणपत्र की प्रक्रिया
1-जन्म का पंजीकरण कराएं।
2-कानून द्वारा निर्धारित प्रपत्र भरकर 21 दिन के भीतर संबंधित स्थानीय प्राधिकारी के पास जमा कराएं।
3-प्रपत्र के जमा करने के बाद संबंधित अस्पताल के वास्तविक रिकार्ड के सत्यापन के बाद जन्म प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है।
4-अगर 21 दिन के भीतर जन्म पंजीकृत नहीं किया जाता है, तो राजस्व अधिकारी के आदेश पर पुलिस के द्वारा सत्यापन के बाद प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है ।
संलग्नक सूची-
- पहचान से सम्बंधित निर्वाचन आयोग द्वारा जारी वोटर कार्ड/पैन कार्ड /ड्राइविंग लाइसेन्स/राष्ट्रीयकृत बैंक की फोटो युक्त पासबुक/राशन कार्ड/स्वप्रमाणित घोषणा पत्र से कोई एक की प्रमाणित प्रति प्रस्तुत करना होगा।
- चिकित्सालय का जन्म /मृत्यु प्रमाण पत्र
- जहाँ पर चिकित्सालय नहीं है अथवा चिकित्सालय होते हुए भी चिकित्सालय में बच्चे का जन्म/मृत्यु नहीं हुई है, ऐसी दशा में आवेदक को जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र के सम्बन्ध में ग्राम प्रधान/क्षेत्रीय पार्षद/सांसद /एम .बी, बी. एस. डॉक्टर में से किसी एक का हस्ताक्षर एवं मोहर सहित प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
जन्म प्रमाणपत्र के लाभ
1-जन्म प्रमाणपत्र बहुत महत्वपूर्ण पहचान का दस्तावेज है । इसके होने पर नागरिक सरकार की बहुत सारी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं ।
2-यह सभी प्रयोजनों के लिए किसी के जन्म की तारीख और तथ्य को प्रमाणित करता है । जैसे मतदान का अधिकार प्राप्त करना, स्कूलों और सरकारी सेवाओं में दाखिला, कानूनी रुप से अनुमत विवाह करने का दावा, वंशगत और संपत्ति के निपटान आदि।