भारतीय दण्ड संहिता की धारा 96 से लेकर 106 तक की धारा में सभी व्यक्तियों को आत्मरक्षा का अधिकार दिया गया है । व्यक्ति स्वयं की रक्षा किसी भी हमले या अंकुश या स्वयं की संपत्ति की चोरी, डकैती, शरारत व अपराधिक अतिचार के खिलाफ कर सकता है।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 96 से लेकर 106 तक की धारा में सभी व्यक्तियों को आत्मरक्षा का अधिकार दिया गया है । व्यक्ति स्वयं की रक्षा किसी भी हमले या अंकुश या स्वयं की संपत्ति की चोरी, डकैती, शरारत व अपराधिक अतिचार के खिलाफ कर सकता है।