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डीएम-एसपी रोज जनता की सुनें समस्याएँ-योगी

डीएम-एसपी रोज जनता की सुनें समस्याएँ-योगी

लखनऊ (उत्तर प्रदेश) । प्रदेश में तेजी से बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून-व्यवस्था से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सभी जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों को तलब किया। यह बैठक लोकभवन में प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर बुलाई गयी थी। मुख्यमंत्री ने अफसरों से दो टूक कहा कि कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संयुक्त रूप से जिम्मेदार हैं। इस मोर्चे पर कोताही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अवैध शराब कांड पर बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक, टप्पल कांड पर अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और वारदातों पर अंकुश न लगा पाने के कारण शामली के पुलिस अधीक्षक को खरी-खरी सुनाई। 

लोकभवन में अलीगढ़, हमीरपुर और कुशीनगर में बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चाहे जितने विकास कार्य करा दे, लेकिन ऐसी घटनाएं उसकी छवि पर दाग लगा देती हैं। प्रदेश की सभी 18 पुलिस रेंज और जिलों में पॉक्सो एक्ट और बाल अपराधों से जुड़े 10-10 मामलों को चिह्नित कर फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से अपराधियों को सजा दिलाई जाए। मुख्यमंत्री ने अलीगढ़ की घटना पर नाराजगी जताई और अफसरों से अपराध न रुक पाने का कारण पूछा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एंटी रोमियो स्क्वायड को और प्रभावी बनाया जाए। 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक रोज अनिवार्य रूप से सुबह नौ से दस बजे तक लोगों की समस्याएं सुनें। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वह हर रोज निरीक्षण करने के लिए विद्यालयों, अस्पतालों व अलग-अलग ब्लॉक में जाएं और लोगों की शिकायतें सुनें। अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए फुट पैट्रोलिंग और यूपी 100 के वाहनों के रूट को नए सिरे से निर्धारित करने के लिए कहा। हर थाने में टॉप 10 अपराधियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि एसडीएम, तहसीलदार, बीडीओ, क्षेत्राधिकारी, थानाध्यक्ष सरीखे अधिकारी रात में अपनी तैनाती स्थल पर ही रुकेंगे। यदि उनके तैनाती स्थल पर सरकारी आवास नहीं बने हैं तो वे किराये पर मकान लेकर रहें, नहीं तो हटने के लिए लिखकर दे दें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जो सरकारी भूमि अवैध कब्जे से खाली करायी जाए उन पर खेल के मैदान या चरागाह विकसित किये जाएं। शहरों में सरकारी जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त कराकर उन पर पार्क और ओपेन जिम विकसित करने का निर्देश दिया। सड़कों पर अवैध अतिक्रमण के लिए यातायात समस्या के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को शहरों में वेंडिंग जोन को चिन्हित कर सभी रेहड़ी-खोमचे वालों को उनमें जगह आवंटित करने के लिए कहा। गौरतलब है कि लोकभवन में बुलाई गई इस बैठक से पहले सभी अधिकारियों के मोबाइल फोन बाहर ही रखवा लिये गए थे।

उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून-व्यवस्था के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 16 जून से सभी महत्वपूर्ण जिलों का दौरा करेंगे, जहां वह ग्रामीणों के साथ ‘चौपाल’ बैठक करेंगे और पुलिस थानों, अस्पतालों, तहसीलों और प्राथमिक विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। वह राज्य के दूरदराज के कस्बों, क्षेत्रों में किए जा रहे विकास कार्यों की भी समीक्षा करेंगे।

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार