इंदौर (मध्य प्रदेश)। देशभर में हर रोज पुलिस के शर्मनाक कारनामे सामने आते ही रहते हैं। ताजा मामला इंदौर का है, जहां लापता भाई की एफआईआर दर्ज करवाने गए युवक को टीआई और एसआई ने थाने से डांटकर भगा दिया और बोले कि पुलिस के पास बहुत काम है, स्वयं जाकर ढूंढ लो। इस घटना के चौथे दिन उसके भाई की लाश ग्राम छापरी में मिट्टी में दबी हुई सड़ी हालत में मिली।
इंदौर के हरसूद का रहने वाला रामनिवास(20) पिता गजराज चौहान इंदौर शहर में शादी समारोह में कैटरिंग के लिए लड़के सप्लाई करने के ठेके लेता था। रामनिवास द्वारकापुरी में किराए के मकान में रहता था। लेकिन दो जून से वह किराए के मकान से गायब था। विजयनगर क्षेत्र में रहने वाले उसके भाई 24 वर्षीय प्रहलाद चौहान ने द्वारकापुरी थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। प्रह्लाद एक एडवाइजरी कंपनी में काम करता है। उसने बताया कि राम केटरर कालू ठेकेदार के लिए काम करता था। उसको कालू से 30 हजार रुपए लेने थे। उसने 1 जून को झाबुआ में रहने वाली महिला मित्र को फोन कर बताया था कि वह कालू से रुपए लेने जा रहा है। करीब 11 बजे महिला मित्र ने जब राम को वीडियो कॉल किया तो वह कालू के कमरे में ही कालू और एक अन्य के साथ शराब पी रहा था। इसके बाद उसका फोन बंद हो गया। वो उसी दिन से गायब है। चार दिन ढूंढने के बाद जब भाई नहीं मिला तो प्रह्लाद द्वारकापुरी थाने गया। वहां टीआई आरएनएस भदौरिया से कालू के फोन लोकेशन की जानकारी निकलवाने की विनती की लेकिन उन्होंने उसे यह कहकर वापस कर दिया कि पुलिस के पास बहुत काम है। वह जब एसआई के पास गया तो उन्होंने कहा- कॉल डिटेल और लोकेशन के लिए फाइल भेजी है। जैसे ही आएगी तो बता दूंगा। इसके बाद वह राज्य साइबर सेल(पिपल्याहाना) गया। यहां से बताया गया कि कंट्रोल रूम स्थित एसएसपी ऑफिस जाना पड़ेगा। फिर एसएसपी ऑफिस आया, लेकिन किसी ने भी मदद नहीं की। जब रविवार को राजेंद्रनगर पुलिस को एक शव मिला तो टीआई सुनील शर्मा ने प्रहलाद को बुलाकर शिनाख्त करवाई तो उसने अपने भाई को पहचान लिया। शव के गले पर निशान दिखाई दे रहे थे। द्वारकापुरी थाने के एसआई एनएस राठौर का कहना था कि प्रहलाद और मकान मालिक दुर्गाशंकर के बयान के आधार पर कईं स्थानों पर छानबीन की थी। लेकिन पूरी जानकारी नहीं होने के कारण ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचे। हालांकि पुलिस को आशंका है कि लेन देन की वजह से युवक की हत्या हुई होगी।