बीकानेर (राजस्थान)। चुनाव का मौसम आते ही नेता छाती पीट-पीटकर किसानों के शुभचिंतक होने का दावा करते हैं। लेकिन जैसे ही उन्हें सत्ता मिल जाती है। वह किसानों का दु:ख दर्ज भूल जाते हैं। जिसका खामियाजा किसान को अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। ऐसे ही एक मामला बीकानेर में सामने आया है, जहां लाखों के कर्ज डूबे किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली । मृतक किसान के परिजनों ने बैंक अधिकारियों और व्यापारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है और उनके खिलाफ केस भी दर्ज करवाया है।
बताया जा रहा है कि बीकानेर जिले में स्वरूपदेसर गांव निवासी मानाराम उर्फ हड़मानाराम जाट ने मरुधरा ग्रामीण बैंक से 15 लाख रुपये का लोन और कृषि उपज मंडी के व्यापारियों से 20 लाख रुपये का कर्जा ले रखा था। इसके अलावा भी अन्य लोगों से 20 लाख रुपये उधार ले रखे थे। जिसके चलते बैंक के अधिकारी और व्यापारी कर्ज वापस करने को लेकर लगातार परेशान कर रहे थे और घर आकर धमकी भी देते थे, जिससे मानाराम तनाव में रहने लगे थे। उन्होंने सारा कर्ज चुकाने के लिए अपनी जमीन बेचने का भी प्रयास किया, लेकिन उन्हें कोई ग्राहक नहीं मिला। इस विकट परिस्थिति से परेशान होकर मानाराम ने दो दिन पहले खेत के झोपड़े में जहर खा लिया। जब उनकी तबीयत बिगड़ने लगी तो परिजनों ने उन्हें पीबीएम अस्पताल में भर्ती करवाया। लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी । नाल पुलिस थाना अधिकारी अशोक बिश्नोई ने बताया कि मृतक किसान मानाराम के पुत्र शिवरतन जाट ने अपने पिता को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाते हुए बैंक अधिकारियों और व्यापारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है।