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अब ट्रेन में दर्ज कराएं मोबाइल एप से एफआईआर

अब ट्रेन में दर्ज कराएं मोबाइल एप से एफआईआर

नई दिल्ली । यदि आपके साथ ट्रेन में कोई दुर्घटना होती है तो अब आपको चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है। रेल विभाग ने यात्रियों के लिए एक मोबाइल एप योजना शुरू की है। इसके तहत ट्रेन में यात्रा के दौरान यात्री बिना विलंब के ट्रेन में छेड़छाड़, चोरी, लूट, जहरखुरानी और मारपीट की शिकायत दर्ज करा सकेंगे। मोबाइल एप से शिकायत के बाद इसे 'जीरो एफआइआर' में तब्दील कर आरपीएफ तुरंत मामले की जांच शुरू कर देगी। इसके लिए आपको संबंधित पुलिस थाने में जाने की जरुरत नहीं होगी।

'जीरो एफआइआर' के तहत कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत किसी भी नजदीकी पुलिस स्टेशन पर दर्ज करा सकता है। बाद में यह एफआइआर उस पुलिस स्टेशन को स्थानांतरित कर दी जाती है जहां पर यह दुर्घटना हुई है। यह प्रावधान सभी के लिए किया गया है। इसका मकसद ये है कि किसी को न्याय मिलने में देर न हो और जल्द से जल्द शिकायत पुलिस तक पहुंच जाए।

आपको बता दें कि वर्तमान में यदि आपके साथ ट्रेन में कोई घटना हो जाती है तो टीटीई आपको एक शिकायत फार्म देता है। आपको इसे भरकर अगले स्टेशन पर आरपीएफ अथवा जीआरपी को देना होता है। बाद में यह शिकायत स्वत: एफआइआर में बदल जाती है। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में जहां मामले की जांच में विलंब होता है, वहीं यात्री को तुरंत राहत नहीं मिलती है। इस एप के माध्यम से आप ऑफलाइन भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। हालांकि अब इस मोबाइल एप के जारी हो जाने से यात्रियों को बहुत राहत मिलेगी। रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि मोबाइल एप से शिकायत दर्ज कराने का पायलट प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश में पहले से चल रहा है। जल्द ही इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सबसे खास बात यह है कि इस एप से सिर्फ आरपीएफ को ही नहीं जीआरपी, टीटीई और ट्रेन कंडक्टर को भी जोड़ा गया है।

 

नागरिक का मौलिक कर्तव्य

(क) संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र्गान का आदर करें। 

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शो को हृदय में संजोए रखें व उनका पालन करें।

(ग) भारत की प्रभुता एकता व अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाये रखें। 

(घ) देश की रक्षा करें और आवाह्न किए जाने पर राष्ट् की सेवा करें। 

(ङ) भारत के सभी लोग समरसता और सम्मान एवं भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग के भेदभाव पर आधारित न हों, उन सभी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हों।

(च) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्त्व समझें और उसका परिरक्षण करें। 

(छ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील,नदी वन्य प्राणी आदि आते हैं की रक्षा व संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दयाभाव रखें।

(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानवतावाद व ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें । 

(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें व हिंसा से दूर रहें। 

(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सतत उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास करें, जिससे राष्ट्र प्रगति करते हुए प्रयात्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।

(ट) यदि आप माता-पिता या संरक्षक हैं तो 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु वाले अपने या प्रतिपाल्य (यथास्थिति) बच्चे को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।

बंदी (कैदी) का अधिकार