छतरपुर (मध्य प्रदेश)। प्रदेश में लोकायुक्त की कार्रवाई में आए दिन सरकारी कर्मचारियों के ठिकानों से करोड़ों की अवैध संपत्ति का खुलासा होता रहता है। इसके बावजूद सरकारी कर्मचारी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। लोकायुक्त की टीम ने इस बार छतरपुर में एक पटवारी को किसान से रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। पटवारी राम प्रसाद पटेल पर आरोप है कि वह किसान से पैतृक भूमि के बंटवारे के नामांतरण के एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था। इससे परेशान होकर किसान अभिनेंद्र सिंह परमार ने लोकायुक्त पुलिस सागर से शिकायत की थी।
आपको बता दें कि छतरपुर जिले में बिजावर क्षेत्र के कदवारा गांव के रहने वाले किसान अभिनेंद्र सिंह परमार की पैतृक जमीन का बंटवारा हुआ था। अभिनेंद्र सिंह अपने हिस्से की जमीन के नामांतरण के लिए बिजावर क्षेत्र के कदवारा हल्का नंबर 56 के पटवारी राम प्रसाद पटेल से मिले। पटवारी ने उसने जमीन के नामांतरण के एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। जब अभिनेंद्र सिंह ने रिश्वत देने में असमर्थता जतायी तो राम प्रसाद पटेल ने उनके काम को ठंडे बस्ते में डाल दिया। और कहा कि जब वह रिश्वत की रकम देंगे तभी उनका काम होगा। पटवारी की इस मनमानी से परेशान अभिनेंद्र सिंह ने किसी तरह नामांतरण के लिए यह सौदा 10 हजार रुपए की बजाय 5 हजार में तय किया। और सारे सबूतों का साथ सागर में लोकायुक्त पुलिस के पास जाकर शिकायत की। शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने अपने स्तर पर मामले की पुष्टि की और फिर पटवारी को रंगेहाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया। लोकायुक्त पुलिस ने सोमवार को अभिनेंद्र सिंह को नामांतरण के लिए पटवारी को 5 हजार रुपए रिश्वत देने के लिए मोहनगंज स्थित पटवारी के कार्यालय में भेजा। पटवारी ने जैसे ही अभिनेंद्र सिंह के हाथ से कैमिकल लगे 5 हजार लिए वैसे ही लोकायुक्त पुलिस सागर के निरीक्षक बीएन द्विवेदी के नेतृत्व में टीम ने पटवारी राम प्रसाद पटेल को रंगेहाथ गिफ्तार कर लिया। लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया। और बाद में निजी मुचलके पर पटवारी को छोड़ दिया। अब मामले पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
गौरतलब है कि पटवारी राम प्रसाद पटेल मोहनगंज मुहल्ले में ही किराए पर रहता है। और यहीं पर सरकारी काम के एवज में लोगों से रिश्वत की लेन-देन की बात करता है। इस मामले से पहले भी पटवारी राम प्रसाद पटेल के खिलाफ रिश्वतखोरी की शिकायत की जा चुकी है, लेकिन वह विभागीय कार्रवाई से हर बार बच जा रहा था।