इंदौर (मध्य प्रदेश)। मतदाता सूची में गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद अब एक ही पते पर हजारों मतदाताओं के नाम दर्ज होने के मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। इंदौर की विधानसभा और भोपाल की नरेला विधानसभा में सबसे ज्यादा फर्जी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज पाए गए हैं। चुनाव आयोग ने अब ऐसे आवासों को नए सिरे से नंबर देने और मतदाता सूची में सुधार का काम शुरु कर दिया है।
अब मतदाता सूची में गड़बड़ियों की शिकायतें मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारी घर-घर जाकर सुधार में लगे हुए हैं। अब तक 6400 ऐसे मतदाता सामने आए हैं, जिनके नाम सूची में दो बार दर्ज हैं। प्रशासन का कहना है कि यह त्रुटियां हैं, जो मकान बदलने जैसे कारणों से पैदा होती हैं, इन्हें दुरुस्त किया जा रहा है। आशंका जताई जा रही है कि इंदौर जिले की मतदाता सूची में एक लाख से अधिक फर्जी मतदाताओं के नाम शामिल है। मतदाता सूची की गड़बड़ी को दूर करने के लिए प्रशासन ने 3300 से ज्यादा कर्मचारियों की फौज लगा रखी है। इन्हें जिलेभर के 30-40 हजार घरों में रोज दस्तक देना हैं। 15 मई से शुरू हुआ यह सिलसिला 21 जून तक जारी रहेगा।
बताया गया है कि इंदौर की विधानसभा इंदौर-5 में 23 मकान नंबरों पर 1100 मतदाताओं के नाम दर्ज हैं। इंदौर 1 में चार मकान नंबर पर 3500, नरेला के 20 पतों पर 1500 और राऊ में एक ही पते पर 177 मतदाताओं के नाम दर्ज होना सामने आया है। इसके पहले कांग्रेस नेता महेंद्र सिंह चौहान भी भोपाल की नरेला विधानसभा में एक पते पर सौ से ज्यादा मतदाताओं के नाम होने की शिकायत मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में कर चुके हैं। यह बात सही भी पाई गई थी पर इसमें फर्जीवाड़ा सामने नहीं आया, क्योंकि एक बड़े परिसर में कई लोग रहे हैं। मतदाता सूची बनाते वक्त इन्हें अलग-अलग आवास क्रमांक देने की जगह एक ही नंबर दे दिया गया, जिसकी वजह से भ्रम का माहौल पैदा हुआ। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने इसकी जांच कराई और सभी को अलग-अलग आवास क्रमांक देने के निर्देश कलेक्टर को दिए हैं।
आपको बता दें कि राऊ विधायक जीतू पटवारी ने आरोप लगाया है कि इंदौर में एक लाख से ज्यादा फर्जी मतदाताओं के नाम जोड़े गए हैं। वहीं भाजपा भी सूची को लेकर सतर्क है। उसके बूथ और वार्ड स्तर के कार्यकर्ता एक-एक मोहल्ले की सूची जांच रहे हैं। जबकि कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष विवेक तन्खा ने मप्र में 60 लाख फर्जी मतदाताओं को लेकर 13 जून को एक बार फिर से चुनाव आयोग को शिकायत की है। आयोग ने तन्खा की शिकायत पर संबंधित जिलों से 20 जून तक रिपोर्ट मांगी है। अपनी शिकायत में तन्खा ने मप्र के 101 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची की पुन: जांच करने की मांग की है।