भोपाल (मध्य प्रदेश) प्रदेश के मेधावी गरीब छात्रों के लिए खुशियों भरी खबर है। शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने मेधावी छात्र योजना में सुधार करते हुए फैसला किया है कि अब सत्तर फीसदी अंक लाने वाले गरीब छात्रों को कॉलेज में फीस नहीं देना पड़ेगा। कमजोर आर्थिक स्थिति वाले ऐसे छात्रों की उच्च शिक्षा का खर्च अब सरकार उठाएगी। इतना ही नहीं सरकार इन छात्रों को इसी सत्र से छात्रवृत्ति में आने वाले अंतर की भी राशि का भुगतान करेगी। इसके अलावा इस योजना में ऐसे परिवार के छात्रों को भी फीस में छूट मिलेगी जिन्होंने असंगठित श्रमिक योजना में पंजीयन करवा रखा है।
हालांकि सरकार इस मेधावी छात्र योजना में ऐसे छात्रों को ही शामिल करेगी, जिसके परिवार की आय छह लाख रुपए या इससे कम हो। इसके अलावा छात्र के परिवार के पास बीपीएल कार्ड हो या फिक छात्र एससी, एसटी वर्ग के हों। और साथ ही छात्र ने इसी सत्र में एमपी बोर्ड से बारहवीं में सत्तर प्रतिशत और सीबीएसई आईसीएसई से पचासी प्रतिशत अंक प्राप्त किया हो। इसके अलावा इस योजना में जेईई से 1.50 लाख के अंदर रैंक पाने वाले कमजोर आर्थिक आय वर्ग के छात्र भी शामिल हो सकेंगे। सरकार इन छात्रों की फीस का भुगतान सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों की संस्था के खाते में करेगी। वहीं निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्रों को संस्था की फीस या डेढ़ लाख रुपए दोनों में से जो कम होगा। वह इंजीनियरिंग कालेज का खाते में जमा होगा। जबकि नीट से मेडिकल के लिए चयनित छात्रों को फीस के एवज में बांड भरना होगा। सरकारी कॉलेज में प्रवेश पाने वाले छात्र दो साल ग्रामीण क्षेत्र में सेवा देने के लिए दस लाख का बांड भरेंगे। और जबकि निजी कॉलेज में प्रवेश पाने वाले छात्र पांच साल ग्रामीण क्षेत्र में सेवा के साथ ही पच्चीस लाख का बांड भरना होगा। आपके बता दें कि जो छात्र इन शर्तों का पालन नहीं करेंगे, उन छात्रों को मेधावी छात्र योजना का फायदा नहीं मिलेगा।