लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। हरदोई पेट्रोल पंप प्रकरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव पर रिश्वत का आरोप लगाने वाले अभिषेक गुप्ता को मंहगा पड़ गया। पुलिस ने अभिषेक गुप्ता को हिरासत में ले लिया है। और उससे पूछताछ की जा रही है। वहीं मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव राजीव कुमार को अभिषेक गुप्ता के हरदोई स्थित पेट्रोल पंप की स्थापना संबंधी मामले की तथ्यात्मक जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों से पता चला है कि अभिषेक ने भाजपा के प्रदेश महामंत्री सुनील बंसल का खास बनकर मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री के विशेष सचिव सुभ्रांत शुक्ला को फोन किया था। एसपी गोयल से जमीन के विनिमय की फाइल बढ़ाने की पैरवी कर रहा था। इसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर पुलिस पूछताछ कर रही है।
आपको बता दें कि प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाने के बाद भाजपा ने पार्टी की छवि खराब करने का आरोप लगाकर हजरतगंज थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज मुकदमा दर्ज कराया। जिसके बाद अभिषेक गुप्ता ने यूपी प्रेस क्लब में शुक्रवार को प्रेसवार्ता बुलाई। लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया। अभिषेक ने प्रेसक्लब में प्रेसवार्ता कैंसिल कर अपने घर पर ही पत्रकारों को बुलाया, परंतु गाजीपुर थाना पुलिस ने प्रेसवार्ता से पहले ही अभिषेक गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। प्रमुख सचिव पर रिश्वत लगाने का आरोप लगाने वाले अभिषेक गुप्ता की लखनऊ में शुक्रवार को गिरफ्तारी के बाद उसके नाना ओम प्रकाश गुप्ता मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे थे। नाना ओम प्रकाश पं. दीन दयाल उपाध्याय के समय में भाजपा के प्रचारक रह चुके हैं। मुख्यमंत्री आवास पर उपस्थित पुलिस अधिकारी से उन्होंने फरियाद की-'साहेब उसे गोली न मरवा देना।' अभिषेक की बहन और नाना ने कहा कि हम सीएम से मिलकर उनके सामने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग रखेंगे। हालांकि, मुख्यमंत्री आवास पर मौजूद नहीं थे। जिसके बाद सभी वापस घर चले गए।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर 25 लाख रुपये घूस मांगने का आरोप है। अभिषेक गुप्ता का कहना था कि यह घूस की मांग पेट्रोल पम्प के लिए जमीन देने को लेकर की गई थी। उसने हरदोई जिले की संडीला तहसील केरैसो गांव में पेट्रोल पंप की स्थापना के लिए मुख्य मार्ग की चौड़ाई कम होने के कारण आवश्यक भूमि उपलब्ध कराने की मांग की थी। अभिषेक का आरोप है कि घूस नहीं देने पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल ने जमीन देने के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया। पीड़ित अभिषेक ने इसकी शिकायत राज्यपाल राम नाईक से की, जिस पर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर संबंधित प्रकरण पर कार्रवाई के लिए लिखा था। अभिषेक गुप्ता ने कहा कि अगर उनके साथ न्याय नहीं हुआ, तो वह आत्मदाह कर लेंगे। वहीं इस मामले में प्रधान सचिव सूचना अवनीश अवस्थी का कहना है कि प्रमुख सचिव गोयल पर लगाए गए आरोप निराधार हैं।