पलामू (झारखंड)। मेदिनीगर में एसटी-एससी एक्ट के तहत फर्जी मुकदमे को निपटाने के नाम पर रिश्वतखोरी का बहुत शर्मनाक मामला सामने आया है, जहां एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने डालटनगंज अनुसूचित जाति जनजाति थाना के प्रभारी मिथलेश राम को 10 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथों थाना परिसर में गिरफ्तार किया। शिकायतकर्ता दिव्यांग ललित दुबे का कहना है कि उसके ऊपर एससी-एसटी एक्ट के तहत फर्जी केस दर्ज है। उसी के सिलसिले में आरोपी दारोगा उससे 10 हजार रुपये रिश्वत मांग रहा था। दिव्यांग का कहना है कि वह भ्रष्टाचार मुक्त देश चाहता है, ऐसे में उसे यह बर्दाश्त नहीं था कि कोई घूस मांगे और वह उसे दे दे। इसीलिए उसने एसीबी से मामले की शिकायत की।
पलामू में चैनपुर प्रखंड के पुरुबडीहा गांव के निवासी पीड़ित दिव्यांग ललित का कहना है कि फरवरी वर्ष 2018 में पूर्वडीहा के बिहारी राम एवं उनकी पत्नी गीता देवी ने बिना राशन कार्ड के मेरी पीडीएस दुकान पर राशन की मांग की थी। राशन नहीं देने पर उन्होंने एससी-एसटी थाने में मेरे ऊपर मारपीट का मामला दर्ज करा दिया था। उसी केस के एवज में थाना प्रभारी मिथलेश राम ने 20 हजार रुपए की मांग की थी और कहा था कि तुम्हें केस से बरी कर देंगे। थाना प्रभारी की इस मांग से बेबस होकर उसने एक सप्ताह पूर्व थाना प्रभारी को 1000 रुपए रिश्वत दी थी और कहा था कि उसके पास अब रुपया नहीं है। इतना ही नहीं वह थाना प्रभारी के सामने बहुत रोया और गिड़गिड़ाया और दया की भीख मांगी, लेकिन थाना प्रभारी का दिल नहीं पसीझा। ऐसी दशा में उसने रिश्तेदार से कर्ज लेकर 10 हजार रुपये और देने का वादा किया। और बाद में उसने इस बात की शिकायत एसीबी से कर दी। एसीबी की टीम ने दिव्यांग की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए डालटनगंज एससी-एसटी थाना प्रभारी मिथिलेश राम को 10000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों थाना से गिरफ्तार कर लिया।