इंदौर (मध्य प्रदेश)। लोकायुक्त पुलिस ने एक रिश्वतखोर कर्मचारी पंचायत सचिव को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा है। मिर्जापुर ग्राम पंचायत का ये सचिव आठ हजार रुपए की रिश्वत ले रहा था तभी लोकायुक्त पुलिस ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। वह एक प्लॉट का नक्शा पास करने के एवज में रिश्वत की मांग रहा था। हैरानी की बात यह है कि जब लोकायुक्त पुलिस ने उसे पकड़ा तो वह कहने लगा पैसे ऊपर भी देने पड़ते हैं और मेरे हाथ तो कुछ लगता ही नहीं है। पुलिस अब उसके द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच कर रही है।
एसपी लोकायुक्त दिलीप सोनी का कहना है कि रामनगर मूसाखेड़ी निवासी भारत पटेल के शिकायत के आधार पर विनोद प्रजापति के खिलाफ कार्रवाई की गयी और उसे रंगेहाथ पकड़ा गया। विनोद प्रजापति के खिलाफ कार्रवाई करने वाले डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि पटेल का रामजी वाटिका फेस टू में 1050 वर्गफीट का प्लॉट है। इस प्लाट में मकान बनाने की अनुमति मिर्जापुर ग्राम पंचायत देती है। मकान बनाने के लिए जब प्रजापति से संपर्क किया तो उसने कहा 10 हजार रुपए ऑनलाइन भरने होंगे। साथ ही 10 हजार अलग से खर्च करने पड़ेंगे। इतना ही नहीं फाइल तैयार करने के तीन हजार रुपए भी लगेंगे। पीड़ित भारत पटेल का कहना है कि विनोद प्रजापति ने उससे तीन हजार रुपए ले लिए थे। और वह बाकी 10 हजार रुपए मांग रहा था, लेकिन उसने 10 हजार रिश्वत देने की बजाय इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस से कर दी। डीएसपी बघेल ने बताया शिकायत के बाद गुरुवार रात पटेल को एक बार फिर पंचायत सचिव के घर भेजा गया। जब भारत पटेल रिश्वत की राशि लेकर प्रजापति के पास पहुंचा तो उसने कहा कि आठ हजार रुपए से कम में वह उसका काम नहीं करेगा। इसके बाद शुक्रवार को लोकायुक्त पुलिस ने जाल बिछाकर उसे ऑफिस में रुपए लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया । अब आरोपी पंचायत सचिव से पूरे मामले पर पूछताछ की जा रही है।